वैज्ञानिक के घर ताला खोलकर बंधक युवती को कराया मुक्त, हुआ था दुष्कर्म; ऐसे बची चंगुल से
डिफेंस इलेक्ट्रानिक अप्लीकेशन लेबोरेट्री (डील) में वरिष्ठ वैज्ञानिक के घर छह महीने से बंधक बनाकर रखी गई युवती को पुलिस ने मुक्त कराया। इस युवती ने ही पुलिस को फोन किया था।
देहरादून, [जेएनएन]: रायपुर स्थित डिफेंस इलेक्ट्रानिक अप्लीकेशन लेबोरेट्री (डील) में वरिष्ठ वैज्ञानिक के घर छह महीने से बंधक बनाकर रखी गई युवती को पुलिस ने मुक्त कराया। 100 नंबर पर आई कॉल से पुलिस छत्तीसगढ़ की इस युवती तक पहुंची। उसी ने यह कॉल की थी। मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में उसे बंद घर से बाहर निकाला गया। पूछताछ में युवती ने कई चौंकाने वाली बातें बताईं हैं, जिससे पुलिस इसे मानव तस्करी से जुड़ा मामला मान रही है। पुलिस ने युवती का मेडिकल भी कराया। मामले में वरिष्ठ वैज्ञानिक समेत दो के खिलाफ रायपुर थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
गत दोपहर पुलिस कंट्रोल रूम को एक युवती का फोन आया। युवती ने पुलिस को बताया कि उसे शहर के एक घर में महीनों से बंधक बनाकर रखा गया है। उससे नौकरानी का काम कराया जा रहा और अमानवीय व्यवहार भी किया जाता है। युवती पता नहीं बता पाई तो एसओजी के जरिये मोबाइल नंबर की लोकेशन ट्रेस कराई गई।
मोबाइल रायपुर के डील कॉलोनी में चलता मिला। इस दौरान पुलिस उससे बात करते हुए डील कॉलोनी पहुंची। इस बीच मजिस्ट्रेट को भी मौके पर बुला लिया गया। यह सुनिश्चित होने पर कि युवती अजय मलिक के आवास में बंद है तो पुलिस ने पड़ोसियों से पूछताछ की तो बताया गया कि इस घर की चाबी वैज्ञानिक अशोक कालरा के पास है।
अशोक को बुलाकर पुलिस ने घर का ताला खुलवाया और भीतर दाखिल हुई तो एक कमरे में युवती डरी-सहमी बैठी हुई थी। कमरे में काफी गंदगी थी, जिससे बदबू उठ रही थी। पुलिस युवती को लेकर रायपुर थाने पहुंची। यहां पूछताछ में युवती ने जो कुछ बताया, वह चौंकाने वाला था। युवती ने खुद को जिला जसपुर छत्तीसगढ़ निवासी बताया। उसका कहना है कि उसे वर्ष 2009 में शंभू मोहर नाम का शख्स उसे नौकरी दिलाने के नाम पर छत्तीसगढ़ से दिल्ली ले आया था। छह महीने पहले उसे वरिष्ठ वैज्ञानिक अजय मलिक के घर पहुंचा दिया गया।
यहां उससे घर का सारा काम कराया जाता है, लेकिन इसके बदले में उसे कोई पैसा नहीं दिया जाता है। एसएसपी स्वीटी अग्रवाल ने बताया कि यह मानव तस्करी से जुड़ा बेहद गंभीर मामला है। उन बिचौलियों की भी तलाश शुरू कर दी गई है, जिनके जरिये युवती छत्तीसगढ़ से दिल्ली होते हुए यहां तक पहुंची।
देर शामपुलिस का वैज्ञानिक अजय मलिक से भी संपर्क हो गया। सीओ हरबंश सिंह ने बताया कि युवती को नौकरी पर रखने का उनके पास एग्रीमेंट है। मामले में देर रात अजय मलिक व बिचौलिये शंभू मोहर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया।
सरधना मेरठ में रहते हैं युवती के रिश्तेदार
युवती ने बताया कि उसकी मौसेरी बहन मेरठ के सरधना जिले में रहती है। सीओ डालनवाला हरबंश सिंह ने बताया कि उनसे संपर्क किया गया है। उसके रिश्तेदार देहरादून के लिए चल दिए हैं। उनके आने के बाद ही युवती के उसके माता-पिता बारे में जानकारी मिल पाएगी।
कई शहरों में काम कर चुकी है युवती
युवती ने बताया कि वह कक्षा पांच में थी, जब घर से उसे नौकरी के लिए दिल्ली ले जाया गया। दिल्ली में कुछ दिन रहने बाद करनाल चली गई। फिर वहां से चंडीगढ़ में तकरीबन एक साल रही। इसके बाद कानपुर, गुरुग्राम (गुड़गांव) समेत कई शहरों में रही। छह महीने पहले वह फिर दिल्ली पहुंचा दी, जहां से वह अजय मलिक के घर आ गई।
दुष्कर्म भी हुआ
रायपुर में बंधक मिली लड़की के साथ दुष्कर्म भी हुआ था। पुलिस के मुताबिक 2009 में जब उसे छत्तीसगढ़ से दिल्ली लाया गया था, उस समय उसके सांथ यह घटना हुई थी। रायपुर पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ बलात्कार का मुकदमा दर्ज किया है। लड़की को नारी निकेतन में भर्ती कराया गया है। साथ ही उसका दून मेडिकल कॉलेज में मेडिकल कराया गया है। एसएसपी ने बताया है के लड़की के रिश्तेदारों ने पुलिस से संपर्क किया है। लकिन बिना जाँच पड़ताल के लड़की को किसी के सांथ नहीं भेजा जायेगा।
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