रम्माण नाटक के बणिया-बणियाण नृत्य ने मोहा दूनवासियों का मन
देहरादून में चल रहे गढ़ कौथिग मेले में लोगों का उत्साह देखते ही बन रहा है। इस दौरान आयोजित रम्माण लोगों के आकर्षण का केंद्र रहा।
देहरादून, [जेएनएन]: अखिल गढ़वाल सभा की ओर से आयोजित सांस्कृतिक उत्सव कौथिग समारोह में प्रस्तुत किए गए 'रम्माण' नाटक में बणिया-बणियाण का नृत्य दूनवासियों को खूब भाया। इसके अलावा कलाकारों ने गढ़वाली गीत नाट्य प्रस्तुति 'कमली' के जरिये बेटियों की राह में रोड़ा बनते समाज को सही दिशा दिखाने प्रयास किया तो दर्शकों से उन्हें खूब वाहवाही मिली।
सोमवार को परेड ग्राउंड में आयोजित कौथिग समारोह में चमोली के सीमांत विकासखंड जोशीमठ में लगने वाले पौराणिक, धार्मिक, ऐतिहासिक व सांस्कृतिक मेले का आयोजन किया गया। इसमें राम, लक्ष्मण, सीता और हनुमान का नृत्य आकर्षण का केंद्र रहा। रामायण की मुख्य घटनाएं, राम-लक्ष्मण का जन्म, सीता स्वयंवर, वनवास, सीता हरण, हनुमान मिलन, लंका दहन, राज तिलक आदि का नृत्य द्वारा प्रदर्शन किया गया। रामायण घटनाओं के बीच में मुखौटा नृत्य के साथ म्वर-म्वरीण नृत्य, बणिया-बणियाण नृत्य, नृसिंह भगवान-प्रह्लाद नृत्य व गोरखाणी की याद में माल नृत्य आदि की प्रस्तुति ने लोगों का मनमोह लिया। नाटक का निर्देशन डॉ. कुशल सिंह भंडारी ने किया। इसके बाद दूसरे नाटक 'कमली' की प्रस्तुति दी गई। इस नाटक के जरिये बताया गया कि लड़कियों पर उनके होने वाले पति के अनुकूल संस्कारों का बोझ बचपन से ही लाद दिया जाता है। लेकिन, जब इन लड़कियों को मौका मिलता है तो सिर्फ घर नहीं बल्कि पूरे देश के सामने ये बेटियां अपनी प्रतिभा को साबित कर देती हैं, जैसे कमली ने डॉक्टर बनकर किया। नाटक का निर्देशन कुलानंद घनशाला ने किया।
वेशभूषा प्रतियोगिता आयोजित
कौथिग मेले के सुबह के सत्र में पुरुष, महिला आंचलिक वेशभूषा प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इसमें पुरुष वर्ग में पांच व महिला वर्ग में 25 प्रतिभागी शामिल हुए। इस दौरान पुरुष वर्ग में कृष्णा घिल्डियाल प्रथम, नत्था सिंह पंवार को द्वितीय व नवीन बमराड़ा को तृतीय पुरस्कार मिला। जबकि, महिला वर्ग में पुष्पा बिष्ट को प्रथम, सुषमा व्यास को द्वितीय व परमेश्वरी रावत को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ। इस मौके पर फ्योंली संस्कृति मंच ने जागर की प्रस्तुति दी। वहीं, हेल्थ नेटवर्किंग सेवा संस्थान की ओर से निश्शुल्क दिव्यांगों को उपकरण बांटे गए। इसमें तीन लोगों को केलिपर्स, दो को व्हील चेयर दिए गए।
प्रीतम भरतवाण की गीतों पर झूमे दर्शक
परेड ग्राउंड में चल रहे सांस्कृतिक उत्सव कौथिग मेले के दौरान लोक गायक प्रीतम भरतवाण ने भी विभिन्न प्रस्तुतियों से लोगों को मंत्रमुग्ध किया। इस दौरान उन्होंने 'रुम झुम बाति संध्या झूलि' 'बांग्लादेश काला डांडा', 'जागर-पंडौ जाग निंदा हवे जवा, सहित कई प्रस्तुति दी।
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