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उत्‍तराखंड: महीनों बाद तय होंगे निजी संस्थानों के शुल्क

राज्य में तकरीबन आठ महीने से ठप पड़ी निजी व्यावसायिक शिक्षण संस्थानों के नए और पुराने पाठ्यक्रमों के शुल्क निर्धारण की व्यवस्था अब रफ्तार पकड़ेगी।

By Sunil NegiEdited By: Published: Fri, 26 May 2017 01:52 PM (IST)Updated: Sat, 27 May 2017 06:00 AM (IST)
उत्‍तराखंड: महीनों बाद तय होंगे निजी संस्थानों के शुल्क
उत्‍तराखंड: महीनों बाद तय होंगे निजी संस्थानों के शुल्क

देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: राज्य में तकरीबन आठ महीने से ठप पड़ी निजी व्यावसायिक शिक्षण संस्थानों के नए और पुराने पाठ्यक्रमों के शुल्क निर्धारण की व्यवस्था अब रफ्तार पकड़ेगी। सरकार ने सेवानिवृत्त न्यायाधीश गुरमीत राम को अध्यक्ष नामित करते हुए दस सदस्यीय प्रवेश और शुल्क नियामक समिति गठित कर दी है। सरकार ने समिति में शिक्षाविद के रूप में दो सदस्यों प्रो अरुण बहुगुणा और प्रो जगजीत सिंह बिष्ट को नियुक्त किया गया है।

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सरकारी एवं निजी उच्च व तकनीकी शिक्षण संस्थानों में संचालित विभिन्न पाठ्यक्रमों के लिए शुल्क निर्धारण समिति को पांच महीने बाद नया अध्यक्ष मिल गया है। समिति के अध्यक्ष पद पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश गुरमीत राम की तैनाती की गई है। अध्यक्ष के साथ ही समिति अस्तित्व में आ गई है। इस संबंध में अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा डॉ रणबीर सिंह ने आदेश जारी किए हैं।

'दैनिक जागरण' ने समिति के नए अध्यक्ष के चयन की खबर को बीती 12 मई को ब्रेक किया था। गौरतलब है कि समिति के अध्यक्ष पद पर तैनात न्यायाधीश राज राहुल गर्ग ने बीते सितंबर माह में ताजपोशी के तीन माह बाद ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। तब से समिति का अध्यक्ष पद रिक्त चल रहा था। इसके बाद आचार संहिता लागू होने के चलते नए अध्यक्ष की ताजपोशी नहीं हो सकी थी।

समिति के गठन के बाद विभिन्न पाठ्यक्रमों का शुल्क निर्धारण का ठप पड़ा काम हो सकेगा। समिति की आखिरी बैठक बीते सितंबर माह में हुई थी। उत्तराखंड अनानुदानित निजी व्यावसायिक शिक्षण संस्थाओं (प्रवेश एवं शुल्क निर्धारण विनियम) अधिनियम के तहत गठित उक्त समिति जल्द अपना कार्य शुरू करेगी। 

समिति को अब तक चिकित्सा, उच्च, तकनीकी शिक्षा से संबंधित पाठ्यक्रमों के शुल्क निर्धारण को लेकर कई प्रस्ताव अब तक प्राप्त हो चुके हैं। समिति की नोडल अधिकारी की ओर से सभी विश्वविद्यालयों को संबद्ध कॉलेजों में विभिन्न पाठ्यक्रमों के शुल्क तय किए जाने को प्रस्ताव भेजने को पत्र भेजा जा चुका है। 

प्रवेश एवं शुल्क निर्धारण समिति का ये है स्वरूप:

अध्यक्ष-जस्टिस गुरमीत राम, चिकित्सा शिक्षा सचिव, तकनीकी शिक्षा प्रमुख सचिव, न्याय प्रमुख सचिव या सचिव, राज्य सरकार से नामित सेवानिवृत्त सचिव स्तर के अधिकारी प्रयाग सिंह जंगपांगी, राज्यपाल से नामित प्रो विनय कुमार पाठक, सरकार से नामित दो शिक्षाविद प्रो अरुण बहुगुणा व प्रो जेएस बिष्ट, चार्टर्ड अकाउंटेंट सुदर्शन शर्मा सदस्य और उच्च शिक्षा प्रमुख सचिव सदस्य सचिव होंगे।

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