जेईई मेंस में 50 फीसद नंबर पर इंजीनियरिंग की सीट पक्की
जेईई मेंस की परीक्षा में अगर आप 50 फीसद भी नंबर ले आए तो इंजीनियरिंग की राह खुल जाएगी। ऐसे में छात्रों को कुछ खास बातों को ध्यान में रखकर तैयारी करनी चाहिए।
देहरादून, [जेएनएन]: यदि आप भी जेईई मेंस की परीक्षा देने जा रहे हैं तो बहुत ज्यादा टेंशन मत पालिए। अगर आप 50 फीसद भी नंबर ले आए तो इंजीनियरिंग की राह खुल जाएगी। आइआइटी प्रवेश परीक्षा के लिए आप क्वालिफाई हो जाएंगे और एनआइटी जैसे नामी संस्थानों में दाखिले की उम्मीद भी बढ़ जाएगी।
विशेषज्ञों की मानें तो जेईई मेंस में इतना स्कोर हासिल करना पढ़ाई के प्रति गंभीर छात्रों के लिए बहुत मुश्किल नहीं है। क्योंकि लगभग एक तिहाई सवाल आसान आने तय हैं। जेईई मेंस के पिछले साल के आंकड़ों पर यदि गौर करें तो जेईई एडवांस के लिए वह छात्र भी क्वालिफाई घोषित किए गए, जिनका स्कोर 30 से 35 फीसद के आसपास था।
लिहाजा यह आंकड़ा बहुत ज्यादा बदलने वाला नहीं है। अतिरिक्त सरकारी कॉलेजों में चयन के लिए तैयार की गई कॉमन मेरिट लिस्ट में सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को एक तिहाई नंबर पर भी मेरिट में जगह मिल रही है। ऐसे में चालीस से पचास फीसद नंबर पर अच्छा सरकारी कॉलेज मिलने की संभावना प्रबल हो जाएगी।
अविरल क्लासेज के प्रबंध निदेशक डीके मिश्रा के मुताबिक अब ज्यादा उन चैप्टर पर फोकस करें तो सहज व स्कोरिंग हैं। विगत वर्षों में छात्र बहुत कम अंक पर भी जेईई एडवांस के लिए क्वालिफाई हुए हैं। फिर भी 40-50 प्रतिशत तक स्कोर करने का प्रयास करें।
यह है पेपर की रणनीति
-पेपर में लगभग 33 फीसद सवाल आसान होंगे।
-पहले पांच मिनट सवालों को चिह्नित करने में लगाएं।
-पहले घंटे में इन सवालों पर ही फोकस करें, एक ही विषय के सारे सवाल करने में न उलझें।
-इस चरण के बाद मध्यम कठिनाई स्तर के सवाल हल करें।
-इसके बाद ही उन सवालों को हल करें जो कठिन व उलझाऊ हैं।
-हर सवाल हल करने के बाद जवाब को ओएमआर पर दर्ज करें।
-ओएमआर मार्क करने का काम आखिरी वक्त तक टालना गलत है।
-किसी भी सवाल को हल करने की जिद न पालें। समय खराब करने के बजाए अगले सवाल पर जाएं।
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