Move to Jagran APP

उत्तराखंड में 20 फीसद महंगी हो सकती है बिजली की दरें

उत्तराखंड में सस्ती बिजली की उम्मीद पर पानी फिर रहा है। यदि पावर डेवलेपमेंट फंड पर रिटर्न आफ इक्विटी यूजेवीएनएल को मिली तो दरों में 20 फीसद की बढ़ोत्तरी हो जाएगी।

By BhanuEdited By: Published: Fri, 21 Apr 2017 08:33 AM (IST)Updated: Sat, 22 Apr 2017 06:00 AM (IST)
उत्तराखंड में 20 फीसद महंगी हो सकती है बिजली की दरें
उत्तराखंड में 20 फीसद महंगी हो सकती है बिजली की दरें

देहरादून, [अंकुर त्यागी]: अभी तक उत्तराखंड में सबसे सस्ती बिजली उपभोक्ताओं को देने की बात कही जाती है, लेकिन अगर पावर डेवलेपमेंट फंड पर रिटर्न आफ इक्विटी यूजेवीएनएल को मिली तो दरों में 20 फीसद की बढ़ोत्तरी हो जाएगी। यूईआरसी यूजेवीएनएल की इस मांग को खारिज कर चुका है। लेकिन अब एपेलेट ट्रिब्यूनल फॉर इलेक्ट्रिसिटी (एप्टेल) का फैसला जल्द ही इस प्रकरण में आने वाला है। 

loksabha election banner

दरअसल, मनेरी भाली-द्वितीय (304 मेगावाट) परियोजना निर्माण के लिए राज्य सरकार से पावर डेवलेपमेंट फंड (पीडीएफ) से करीब 350 करोड़ रुपये दिए थे। परियोजना से वर्ष 2007-08 से बिजली उत्पादन शुरू हुआ। पीडीएफ के नियमानुसार 10 साल से पुरानी और ऐसी परियोजना जिनका टैरिफ यानी बिजली दरें 80 पैसे कम हैं, उन पर 30 पैसे प्रति यूनिट की दर से पीडीएफ सेस लगना शुरू हो गया। 

उत्तराखंड पावर कार्पोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) इस सेस उपभोक्ताओं से वसूल करता है। उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड (यूजेवीएनएल) पीडीएफ पर प्रतिवर्ष 16 फीसद के हिसाब से रिटर्न ऑफ इक्विटी मांग रहा है। ब्याज समेत अब तक यह रकम साढ़े आठ सौ करोड़ रुपये पहुंच गई है। अगले साल तक यह करीब एक हजार करोड़ रुपये हो जाएगी।

यूजेवीएनएल की याचिका को खारिज करते हुए यूईआरसी ने कहा था कि सेस उपभोक्ताओं से वसूल हो रहा है। अगर रिटर्न ऑफ इक्विटी दी गई तो उपभोक्ताओं पर दोहरी मार पड़ेगी। क्योंकि यूपीसीएल का खर्च बढ़ेगा और इससे टैरिफ में बढ़ोत्तरी होगी। यूईआरसी के इस निर्णय के खिलाफ यूजेवीएनएल एप्टेल चला गया था। आने वाले एक-दो हफ्ते में इस मामले में फैसला आना है। यूईआरसी सचिव नीरज सती ने बताया कि एप्टेल में पक्ष रख दिया है। 

ऐसे बढ़ेंगी दरें 

यूईआरसी ने ऊर्जा निगम का वर्ष 2017-18 का राजस्व 5840 करोड़ रुपये अनुमोदित किया है। अगर यूपीसीएल को रिटर्न ऑफ इक्विटी देनी पड़ी तो करीब एक हजार करोड़ का भार पड़ेगा। इसकी पूर्ति के लिए गणना के अनुसार बिजली दरों में करीब 20 फीसद की वृद्धि बैठती है। बता दें कि पिछले महीने ही यूईआरसी ने बिजली दरों में 5.72 फीसद की बढ़ोत्तरी की थी। 

उद्यमियों का भारी विरोध 

पीडीएफ सेस का पैसा यूजेवीएनएल को देने का विरोध उद्यमी यूईआरसी में हुई कईं बैठकों में कर चुके हैं। यूईआरसी की सलाहकार समिति के सदस्य और इंडस्ट्रीयल एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड के अध्यक्ष पंकज गुप्ता का कहना है कि पावर डेवलेपमेंट का पैसा जनता का ही है। इसलिए रिटर्न ऑफ इक्विटी का कोई मतलब नहीं बैठता है। इसका हर स्तर पर विरोध होगा। 

पिटकुल के भी हैं 181 करोड़

पीडीएफ सेस का एक मामला पावर ट्रांसमिशन कार्पोरेशन ऑफ उत्तराखंड लिमिटेड का भी है। यह रकम 181 करोड़ रुपये है। हालांकि अगर यूजेवीएनएल के हक में एप्टेल का फैसला आया तो यह पिटकुल के केस में भी लागू होगा। 

वर्तमान में बिजली की औसत दरें (रुपये प्रति यूनिट)

घरेलू-------------------3.89 

अघरेलू--------------- 5.69 

एलटी उद्योग--------5.38 

एचटी उद्योग--------5.41

यह भी पढ़ें: उत्तराखंड के ग्रामीण क्षेत्रों की बिजली आपूर्ति पर केंद्र की नजर

यह भी पढ़ें: उत्‍तराखंड: 181.4 मेगावाट के 23 सोलर प्लांट से उत्पादन शुरू

यह भी पढ़ें: उत्तराखंड में बिजली का झटका, दरों में 5.72 फीसद की बढ़ोत्तरी


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.