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सत्र को लेकर सियासत तेज, कांग्रेस बैठकों से अनुपस्थित

गुरुवार शाम दलीय नेताओं और कार्यमंत्रणा समिति बैठकों में नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश के न पहुंचने से गैरसैंण में सत्र के आयोजन पर ही सवाल उठने लगे।

By Sunil NegiEdited By: Published: Fri, 01 Dec 2017 02:40 PM (IST)Updated: Fri, 01 Dec 2017 09:15 PM (IST)
सत्र को लेकर सियासत तेज, कांग्रेस बैठकों से अनुपस्थित
सत्र को लेकर सियासत तेज, कांग्रेस बैठकों से अनुपस्थित

देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: भराड़ीसैंण (गैरसैंण) में आगामी सात दिसंबर से आरंभ होने वाले विधानसभा सत्र को लेकर सियासत तेज हो गई है। गुरुवार शाम दलीय नेताओं और कार्यमंत्रणा समिति बैठकों में नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश के न पहुंचने से गैरसैंण में सत्र के आयोजन पर ही सवाल उठने लगे। हालांकि नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश ने कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की गैरमौजूदगी के कारण कार्य मंत्रणा समिति की गुरुवार को बैठक आयोजित करना उचित नहीं था। साथ ही, कहा कि कांग्रेस विधानसभा सत्र और छह दिसंबर को होने वाली कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में शामिल होगी।

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राज्य विधानसभा के पिछले सत्र के दौरान कांग्रेस ने सरकार पर बगैर कार्यमंत्रणा समिति में लाए एजेंडा तय करने का आरोप लगाते हुए कार्य मंत्रणा समिति की बैठक के बहिष्कार का ऐलान कर दिया था। गुरुवार को विधानसभा में आगामी शीतकालीन सत्र को लेकर दलीय नेताओं और कार्यमंत्रणा समिति की बैठक आयोजित की गई थी लेकिन नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश दोनों बैठकों में शामिल नहीं हुईं। हालांकि वह गुरुवार को विधानसभा भवन में पत्रकार वार्ता के लिए पहुंची थीं। कांग्रेस द्वारा दोनों बैठकों के बहिष्कार से राजनैतिक हलकों में हलचल तेज हो गई। हालांकि बाद में संसदीय कार्य मंत्री प्रकाश पंत ने नेता प्रतिपक्ष डॉ. हृदयेश से मुलाकात कर स्थिति को संभाल लिया।

इस संबंध में डॉ. इंदिरा हृदयेश ने कहा कि कोई भी बिजनेस बिना सदन की सहमति के नहीं हो सकता। पिछले सत्र में रात्रि 11 बजे एजेंडा दिया गया लेकिन सदन से सहमति नहीं ली गई। इसे कार्यमंत्रणा समिति में नहीं लाया गया। उन्होंने कहा कि सरकार को स्वीकार करना चाहिए कि उससे संसदीय चूक हुई। हमारा उद्देश्य सदन को रोकना नहीं। उससे इनका फायदा होगा। हमें जनता का फायदा देखना है। गैरसैंण सत्र सोमवार से शुक्रवार तक होना चाहिए था। सत्र इतना लंबा होना ही चाहिए कि जनता को भरोसा मिले। कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में शिरकत न करने पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस के दो सदस्य प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल के बाहर होने के कारण बैठक का गुरुवार को आयोजन उचित नहीं था।

उधर, संसदीय कार्य मंत्री प्रकाश पंत ने कहा कि उन्होंने नेता प्रतिपक्ष से मुलाकात कर मसले का समाधान तलाश लिया है। अब कांग्रेस छह दिसंबर को कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में शामिल होगी।

अंतर दलीय मंच की स्थापना पर विचार

भराड़ीसैंण (गैरसैंण) में सात दिसंबर से शुरू होने सत्र के संबंध में विधानमंडल दल के नेताओं की बैठक में विपक्ष कांग्रेस के प्रतिनिधि के तौर पर नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश अनुपस्थित रहीं। विधानसभा परिसर में विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल द्वारा बुलाई गई बैठक में संसदीय कार्य मंत्री प्रकाश पंत एवं विधायक खजान दास उपस्थित थे। बैठक में सदन के कार्यसंचालन के संबंध में चर्चा के साथ-साथ विवादास्पद मुददों से निपटने के लिए अंतर दलीय मंच की स्थापना पर विचार किया गया, जो अनौपचारिक रूप से कार्य करेगा।

बैठक में सत्र के दौरान विधानसभा पटल पर रखे जाने की व्यवस्था के क्रम में ग्रीन इनिशिएटिव के लिए पुस्तक आकार के सापेक्ष पेन ड्राइव में प्रतिवेदन को उपलब्ध कराने के अनुरोध पर विचार किया गया। विस अध्यक्ष ने बैठक में सत्र के दौरान आने वाले सवालों, विधेयक और याचिकाओं के संबंध में जानकारी दी। बैठक में विधायी एवं संसदीय कार्य प्रमुख सचिव आलोक कुमार वर्मा, विधानसभा सचिव जगदीश चंद्र उपस्थित थे।

कांग्रेस लिखकर दे: भट्ट

कांग्रेस के गुरुवार को दलीय नेताओं व कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में शामिल न होने पर सियासी गलियारों में गैरसैंण सत्र को लेकर कई तरह की चर्चाएं रहीं। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने कहा कि अगर शीत के कारण कांग्रेस गैरसैंण में सत्र का आयोजन नहीं चाहती तो उसे यह बात लिखकर देनी चाहिए। हालांकि नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश ने बाद में स्पष्ट किया कि कांग्रेस सत्र में हिस्सा लेगी। 

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