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भाग्य व पुरुषार्थ दोनों का आदर करना चाहिए

डोईवाला: आचार्य शिव प्रसाद ममगाई ने कहा कि मनुष्य को भाग्य व पुरुषार्थ दोनों का आदर करना चाहिए क्यों

By Edited By: Published: Tue, 18 Nov 2014 12:22 PM (IST)Updated: Tue, 18 Nov 2014 12:22 PM (IST)
भाग्य व पुरुषार्थ दोनों का आदर 
करना चाहिए

डोईवाला: आचार्य शिव प्रसाद ममगाई ने कहा कि मनुष्य को भाग्य व पुरुषार्थ दोनों का आदर करना चाहिए क्योंकि बिना उपयोग किए कार्य सिद्धि कैसे हो सकती है। ईश्वर की अराधना करने वालों को सदैव सदाचार का पालन करना चाहिए।

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नांग्ल ज्वालापुर दूधली में श्रीमद्भागवत ज्ञान यज्ञ का श्रवण कराते हुए कथा मर्मज्ञ ने कहा कि मनुष्य को संगतियों का त्याग कर प्रतिदिन दान देते रहना चाहिए। दान के समान कोई पुण्य नहीं है। वृद्धों, माता-पिता, अतिथियों का आदर सत्कार सेवा करते हैं, उन पर भगवान की कृपा हमेशा बरसती रहती है। कथा श्रवण में प्रधान विरेंद्र थापा, उर्मिला, मीनाक्षी, राजीव गौड़, रुचि, शिखा, मोहित, शोभित, रोहित, भगवती उनियाल, शोभित ममंगाई, पार्वती नेगी, दीप्ति शर्मा, विजय बधानी, आशा देवी आदि सैकड़ों श्रद्धालु भक्तजन उपस्थित थे।


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