उमंग एप से इस तरह तीन दिन में मिलेगी पीएफ की राशि
मोबाइल में उमंग एप के जरिये अब कर्मचारी अपने भविष्य निधि की राशि के लिए दावा पेश कर सकते हैं। साथ ही तीन दिन में घर बैठे राशि प्राप्त कर सकते हैं।
देहरादून, [जेएनएन]: यदि आपके मोबाइल में उमंग एप है तो आप न केवल घर बैठे पीएफ का दावा कर सकते हैं, बल्कि पीएफ की राशि तीन दिन के भीतर प्राप्त कर सकते हैं। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के क्षेत्रीय कार्यालय देहरादून के आयुक्त (प्रथम) मनोज कुमार यादव ने सदस्यों से अपील करते हुए कहा कि वह पीएफ के दावों व अन्य सेवाओं के लिए उमंग एप का प्रयोग करें। इस एप को गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है।
पत्रकारों से रूबरू हुए क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त मनोज कुमार यादव ने कहा कि उमंग एप में सरकार की करीब 100 तरह की सेवाएं हैं और इनमें से एक है ईपीएफओ की सेवा। कोई भी सदस्य घर बैठे ऑनलाइन पीएफ का दावा प्रस्तुत कर सकता है।
इसके लिए सिर्फ संबंधित सदस्य का खाता आधार लिंक किया जाना जरूरी है और संबंधित खाते नियोक्ता के माध्यम से ई-हस्ताक्षरित होना चाहिए। इसके बाद जब उमंग एप से ईपीएफओ की सेवा का विकल्प चुनेंगे तो उसमें इंप्लाइज सेंट्रिक सर्विसेज, जनरल सर्विसेज इंपलॉयर सेंट्रिक सर्विसेज नजर आएंगी।
इसमें से पहले विकल्प 'इंपलॉइज सेंट्रिक सर्विसेज' का चुनाव करना है, जिसके बाद व्यू पासबुक, रेज क्लेम व ट्रैक क्लेम स्टेट्स की जानकारी मिलेगी। यदि आपको पीएफ निकालना है तो दूसरा विकल्प अपनाना है। फिर यूएएन (सार्वभौमिक खाता संख्या) दर्ज होगा और इस पर क्लिक करते ही रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर ओटीपी आएगा। ओटीपी दर्ज करते ही ऑनलाइन क्लेम का फॉर्म खुल जाएगा।
इस तरह भरें फॉर्म
क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त यादव के अनुसार यदि आप नौकरी कर रहे हैं तो केवल फॉर्म 31 या एडवांस पीएफ निकासी फॉर्म भरने का ही फॉर्म खुलेगा। यदि नौकरी छोड़ चुके हैं और यूएएन पर डेट ऑफ एग्जिट यानी नौकरी छोडऩे की तिथि अंकित है तो फॉर्म 19 और 10 सी सलेक्ट करना का विकल्प आएगा।
जिस भी संदर्भ में पीएफ निकालना चाहते हैं, उसका विकल्प अपनाएं और आवश्यक जानकारी भर दें। इसके बाद संबंधित क्लेम का स्टेट्स भी देखा जा सकता है।
जीवन प्रमाण पत्र भी भेज सकते हैं
उमंग एप के जरिये विश्व में कहीं पर से भी पेंशनर अपना जीवन प्रमाण पत्र संबंधित कार्यालय को भेज सकते हैं। हालांकि इसके लिए पहले ईपीएफओ कार्यालय से डिजिटल जीवन प्रमाण हासिल करना होगा और फिर इसका प्रयोग अगले साल तक ऑनलाइन किया जा सकता है।
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