मकानों तक पहुंची अमलावा, नींद उड़ी
जागरण प्रतिनिधि, साहिया: बारिश होते ही उफान पर आई अमलावा नदी व सरला खड्ड किनारे के मकानों को छूने लगी है। लगातार भूकटाव के कारण लोगों की नींद उड़ गई है। कब जलस्तर बढ़ कर कहर बरपा दे, इसको सोचकर किनारे रह रहे लोग जागकर दिन-रात गुजार रहे हैं।
बताते चलें कि साहिया में नदी के उफान से वर्ष 2010 में 17 दुकानें व मकान तबाह हो गए थे। बरसात शुरू होते ही पुराना मंजर याद कर नदी किनारे रहने वाले परिवारों की रूह कांपनी शुरू हो जाती है। वर्ष 2011 में अमलावा के उफान पर आने पर किनारों पर रहने वाले 15 परिवारों को को प्रशासन को मंदिर में ठहराना पड़ा था। वर्ष 2010 से साहिया में अमलावा व सरला खड्ड किनारे बाढ़ सुरक्षा कार्य कराने की गुहार लगाई गई, लेकिन आज तक कोई कार्य न होने से किनारे पर बसे मकानों को खतरा बढ़ गया है। वर्तमान में नदी व खड्ड उफान पर हैं, जिनका जलस्तर बढ़कर मकानों के निचले हिस्से को छू रहा है। इससे लोगों की नींद उड़ी हुई है।
स्थानीय अमर सिंह चौहान, आशु गुप्ता, दिनेश अग्रवाल, इंद्र सिंह, महेंद्र सिंह, शेर सिंह, दीवान सिंह, बलजीत सिंह आदि का कहना है कि नदी किनारे बसे परिवार डरे-सहमे हैं, रात को नींद नहीं आ रही है। नदियों के उफान के शोर से दिल की धड़कनें बढ़ जाती हैं।
उफनते नदी खाले बरपा रहे कहर
विकासनगर: उफनते नदी नालों ने सोमवार को भी कहर बरपाया। बरसात के कारण यमुना, शीतला, आसन, सोरना, टौंस व बांईखाला समेत सभी नाले खाले उफान पर रहे। सोरना नदी की बाढ़ बड़ा रामपुर व शिवनगर में घुसने को देखते हुए एसडीएम अशोक पांडे ने जेसीबी लगवाकर नदी का रूख मुड़वाया, जिससे ग्रामीणों को राहत मिली। सेलाकुई क्षेत्र के कई प्रभावित स्कूलों के प्रशासनों को अपने बच्चों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करने के निर्देश दिए हैं। पुश्तों को हुए नुकसान को देखते हुए सिंघनीवाला पुल पर आवाजाही बिल्कुल बंद कर दी गई है। जस्सोवाला में राजकीय पालीटेक्निक कालेज की दीवार धराशायी हो गई। कई जगह बिजली के पोल उखड़ गए। शीतला नदी के प्रवाह के कारण जस्सोवाला में मो. अली, रूस्तम, गुलफाम अहमद, आशाराम, चमनलाल, वली मोहम्मद, बुद्धु, रज्जाक आदि किसानों की खेत में खड़ी फसल तबाह हो गई। एसडीएम ने पटवारियों को क्षेत्र में हुए नुकसान के आकलन के निर्देश दिए हैं।
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