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उत्‍तराखंड में आपदा से 79 पेयजल योजनाएं क्षतिग्रस्त

उत्‍तराखंड में भारी बारिश के कारण 79 पेयजल योजनाएं क्षतिग्रस्त हो गई है। ने इनमें 32 योजनाओं को वैकल्पिक व्यवस्था कर चालू कर दिया है। लेकिन, अब तक स्थिति सामान्य नहीं बन पाई है।

By sunil negiEdited By: Published: Tue, 05 Jul 2016 11:05 AM (IST)Updated: Tue, 05 Jul 2016 11:11 AM (IST)

देहरादून, [जेएनएन]: मानसून की शुरुआत में ही भारी बारिश के कारण जहां पहाड़ पर जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। वहीं, भूस्खलन होने से सूबे में 79 पेयजल योजनाएं क्षतिग्रस्त हो गई है। हालांकि जल संस्थान ने इनमें 32 योजनाओं को वैकल्पिक व्यवस्था कर चालू कर दिया है। लेकिन, अब तक स्थिति सामान्य नहीं बन पाई है। फिर तेज बारिश होती है तो जल संस्थान की अन्य योजनाएं भी क्षतिग्रस्त हो सकती है।

जल संस्थान के आंकड़ो की बात करें तो प्रदेश में कुल 79 योजनाएं प्रभावित हुई हैं, जिनमें से 32 वैकल्पिक रुप से चालू हैं और 47 योजनाएं अब तक ठप पड़ी हैं। इनमें से चमोली जिले में 31 क्षतिग्रस्त पेयजल योजनाओं में से 18 चालू हो गई हैं वहीं पिथौरागढ़ में 19 में से चार और अल्मोड़ा में 14 में से चार योजनाएं चालू कर दी गई हैं। रुद्रप्रयाग, नैनीताल, उत्तरकाशी व टिहरी जिले में भी बारिश से हुए भूस्खलन ने जल संस्थान को नुकसान पहुंचाया है। हालांकि, नैनीताल में जल संस्थान क्षतिग्रस्त हुई सभी योजनाओं की मरम्मत कर दोबारा चालू करने का दावा कर रहा है।

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बढ़ रही पेयजल किल्लत
पेयजल योजनाएं क्षतिग्रस्त होने से संबंधित इलाकों में पानी का संकट बढ़ गया है। हालांकि, जल संस्थान ने वैकल्पिक माध्यम से सप्लाई करने के दावे कर रहा है, लेकिन अधिकारी इस बात से भी इंकार नहीं कर रहे कि लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
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बंद योजना का ब्यौरा
जिला-बंद योजनाएं-इनमें वैकल्पिक चालू
चमोली-31-18
रुद्रप्रयाग-2-00
पिथौरागढ़-19-4
नैनीताल-05-05
अल्मोड़ा-14-04
उत्तरकाशी-06-00
टिहरी-02-01
कुल-79-32
'आपदा से अब तक 79 योजनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं। जिनमें 32 को वैकल्पिक व्यवस्था कर चालू कर दिया गया है। हालांकि, बजट का आकलन अब तक नहीं हो पाया है।'
-पीसी किमोठी, महाप्रबंधक तकनीकी जल संस्थान

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