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रोडवेज वर्कशॉप में बनेगा स्मार्ट कलक्ट्रेट

संतोष भट्ट, देहरादून: स्मार्ट सिटी का स्मार्ट कलक्ट्रेट रोडवेज वर्कशॉप में बनेगा। इस प्रस्ताव पर म

By JagranEdited By: Published: Sat, 18 Nov 2017 01:00 AM (IST)Updated: Sat, 18 Nov 2017 01:00 AM (IST)
रोडवेज वर्कशॉप में बनेगा स्मार्ट कलक्ट्रेट
रोडवेज वर्कशॉप में बनेगा स्मार्ट कलक्ट्रेट

संतोष भट्ट, देहरादून:

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स्मार्ट सिटी का स्मार्ट कलक्ट्रेट रोडवेज वर्कशॉप में बनेगा। इस प्रस्ताव पर मुख्य सचिव की मौजूदगी में चर्चा की गई। अब हाईपावर कमेटी की बैठक में इस प्रस्ताव पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। स्मार्ट कलक्ट्रेट में जिले के बिखरे पड़े विभागों को एक छत के नीचे लाया जाएंगे।

अंग्रेजों के जमाने में सहारनपुर जिले की तहसील रहे देहरादून के कलक्ट्रेट को सालों बाद भी नया स्वरूप नहीं दिया जा सका। यहां अंग्रेजों के जमाने के भवनों में कलक्ट्रेट के विभाग संचालित होते हैं। जर्जर भवनों में कर्मचारी काम करने को मजबूर हैं। राजधानी बनने के बाद नए कलक्ट्रेट को लेकर कई बार प्रस्ताव बने, मगर कमजोर इच्छाशक्ति के चलते सहमति नहीं बन पाई। अब दून को स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में शामिल किया गया है। इसी प्रोजेक्ट के तहत प्रशासन ने स्मार्ट कलक्ट्रेट योजना शामिल की है। गत दिवस सचिवालय में मुख्य सचिव की मौजूदगी में हुई स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की बैठक में स्मार्ट कलक्ट्रेट पर अधिकारियों ने चर्चा की। इस दौरान डीएम एसए मुरूगेशन ने हरिद्वार रोड स्थित रोडवेज की वर्कशॉप में स्मार्ट कलक्ट्रेट को भूमि उपलब्ध होने का प्रस्ताव पेश किया। इस पर नफा-नुकसान का आंकलन कर इस प्रस्ताव को हाईपावर कमेटी के समक्ष रखने की बात कही। ताकि हाईपावर कमेटी प्रस्ताव पर अंतिम निर्णय ले सकेगी। इस दौरान कहा गया कि स्मार्ट कलक्ट्रेट में सीडीओ ऑफिस से लेकर जगह-जगह छितरे पड़े जिला स्तरीय विकास कार्यो से जुड़े विभागों को एक ही छत के नीचे लाया जाएगा। इसका लाभ विकास कार्यो के साथ जनता से जुड़ी समस्याओं के निस्तारण में भी मिलेगा।

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इस पर भी हुई चर्चा

रोडवेज की जमीन को व्यवसायिक बताते हुए एमडीडीए ने पार्किंग या पार्क बनाने का भी प्रस्ताव दिया। यहां कलक्ट्रेट के साथ व्यवसायिक गतिविधियां संचालित करने को कहा गया। ताकि राजस्व भी जुटाया जा सके। इसके विकल्प में पुराने कलक्ट्रेट भवन की जमीन को भी रखा गया है।

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इन पर नहीं हुआ निर्णय

दून में कलक्ट्रेट भवन को लेकर सबसे पहले 2005 में डीएम रहे राकेश कुमार ने 18 करोड़ का प्रस्ताव भेजा था। इसके बाद डी सेंथिल पांडियन और फिर चंद्रेश कुमार यादव ने करीब 56 करोड़ का प्रस्ताव भेजा। वीवीआरसी पुरुषोत्तम ने 90 करोड़ का प्रस्ताव भेजते हुए एक छत के नीचे सभी भवनों को लाने का प्रस्ताव भेजा। लेकिन, ये सभी प्रस्ताव ठंडे बस्ते में चले गए।

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51 बीघा जमीन पर कलक्ट्रेट

वर्तमान में कलक्ट्रेट की बिल्डिंग 51 बीघा जमीन पर बनी हैं। अलग-अलग भवनों के अलावा यहां सीजेएम ऑफिस, ट्रेजरी, पोस्ट ऑफिस, एसपी सिटी ऑफिस, सैनिक कल्याण कार्यालय, सिविल कोर्ट आदि भवन मौजूद है। कोर्ट परिसर अलग बनने के बाद कलक्ट्रेट को कुछ हिस्सा मिलेगा।

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स्मार्ट सिटी में स्मार्ट कलक्ट्रेट बनाने का प्रस्ताव है। शासन से सीईओ स्मार्ट सिटी को जमीन तलाशने के आदेश दिए हैं। रोडवेज वर्कशॉप की जमीन का प्रस्ताव पेश किया गया। इसमें व्यवसायिक गतिविधियों के साथ औपचारिक सहमति बनी है। हाईपावर कमेटी की बैठक में अन्तिम निर्णय होगा।

एसए मुरूगेशन, डीएम देहरादून


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