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उच्चीकृत वेतनमान समाप्त किए जाने पर फार्मेसिस्ट खफा

जागरण संवाददाता, देहरादून: डिप्लोमा फार्मेसिस्टों का उच्चीकृत वेतनमान समाप्त किए जाने के फैसले का उत

By JagranEdited By: Published: Thu, 07 Sep 2017 08:27 PM (IST)Updated: Thu, 07 Sep 2017 08:27 PM (IST)
उच्चीकृत वेतनमान समाप्त किए जाने पर फार्मेसिस्ट खफा
उच्चीकृत वेतनमान समाप्त किए जाने पर फार्मेसिस्ट खफा

जागरण संवाददाता, देहरादून: डिप्लोमा फार्मेसिस्टों का उच्चीकृत वेतनमान समाप्त किए जाने के फैसले का उत्तराखंड डिप्लोमा फार्मेसिस्ट संघ ने कड़ा विरोध किया है। गुरुवार को संघ की दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में आपात बैठक आयोजित की गई। जिसमें तय हुआ कि ये निर्णय जल्द वापस नहीं लिया गया तो प्रदेश स्तर पर आदोलन छेड़ा जाएगा। संघ ने मुख्यमंत्री को भी ज्ञापन प्रेषित किया है।

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संघ के प्रदेश अध्यक्ष बीएस कलूड़ा ने कहा कि उच्चीकृत वेतनमान समता समिति 1986 के मौलिक सिद्धात के आधार पर दिया जा रहा है। जिसमें स्पष्ट उल्लेख है कि राज्य में वेतनमानों का निर्धारण पद की योग्यता कार्य एवं दायित्व, भर्ती के स्रोत चयन के आधार पर तय किया जाएगा। ऐसे में बिना वेतन समिति की रिपोर्ट का अध्ययन किए ही कैबिनेट ने ये निर्णय लिया है। कलूड़ा ने बताया कि अगर कैबिनेट ने समिति की आख्याओं का अध्ययन किया होता तो ऐसा निर्णय नहीं लिया जाता। उन्होंने कहा कि पहले उत्तराखंड के फार्मेसिस्टों को भी केंद्र के सामान वेतनमान दिया जाता था। लेकिन, केंद्रीय स्वास्थ्य योजना के फार्मेसिस्ट केवल डिस्पेंसरी विद क्लर्क, स्थानीय क्रय विद स्टोर कीपर, वीवीआइपी ड्यूटी विद स्टाफ नर्स ही करते हैं। जबकि उत्तराखंड में फार्मेसिस्ट सूक्ष्म में स्टोर, डिस्पेंसरी, इंजेक्शन, डाइट, पोस्टमार्टम, 24 घटे इमरजेंसी ड्यूटी, आपदा ड्यूटी, मेला ड्यूटी, चारधाम ड्यूटी, इनडोर डिस्पेंसरी, मेडिको लीगल, प्रभारी के दायित्व के साथ ही एक दर्जन से ज्यादा अन्य ड्यूटी की जिम्मेदारी भी संभालते हैं। ऐसे में, फार्मेसिस्ट का वेतन घटाया नहीं जा सकता है। कैबिनेट ने कतिपय संवर्गो की वेतन विसंगति दूर कर दी है। लेकिन फार्मेसिस्टों के परिपेक्ष्य में पुन: विसंगति उत्पन्न कर दी गई है। वेतन समिति की संस्तुति भी निष्पक्ष नहीं है। क्योंकि राज्य में अभी बहुत से संवर्ग हैं जिन्हें कार्यात्मक भिन्नता के आधार पर केंद्र की तुलना में उच्चीकृत वेतनमान स्वीकृत है। बैठक में प्रदेश महामंत्री सीएस महरा, प्रांतीय प्रवक्ता बीएस पयाल, जिला महामंत्री सुधा कुकरेती, डिप्लोमा पशु चिकित्सा फार्मेसिस्ट संघ के प्रांतीय अध्यक्ष पीएल ममगाईं, राजकीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी फार्मेसिस्ट एसोसिएशन के प्रांतीय महामंत्री बीडी रुवाड़ी आदि उपस्थित रहे।


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