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मेडिकल कॉलेज में गहरायाअल्ट्रासाउंड का संकट

जागरण संवाददाता, देहरादून: दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय में अल्ट्रासाउंड का संकट और गहराने लगा है। अस

By JagranEdited By: Published: Fri, 23 Jun 2017 10:48 PM (IST)Updated: Fri, 23 Jun 2017 10:48 PM (IST)
मेडिकल कॉलेज में गहरायाअल्ट्रासाउंड का संकट

जागरण संवाददाता, देहरादून: दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय में अल्ट्रासाउंड का संकट और गहराने लगा है। अस्पताल के एकमात्र रेडियोलॉजिस्ट डॉ. जीएस जोशी ने भी इस्तीफे की पेशकश कर दी है। अगर डॉ. जोशी अस्पताल से चले गए तो व्यवस्थाएं लड़खड़ा जाएंगी और एक्स-रे, एमआरआइ की रिपोर्टिग भी ठप हो जाएगी।

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दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में शहर ही नहीं बल्कि पहाड़ के दूरस्थ इलाकों और उत्तर प्रदेश-हिमाचल के सीमावर्ती क्षेत्रों से भी लोग इलाज के लिए आते हैं। अस्पताल की ओपीडी ही हर रोज तकरीबन डेढ़ से दो हजार रहती है। जिन्हें डॉक्टर कई तरह की जाच लिखते हैं। अल्ट्रासाउंड की बात करें तो अस्पताल में हर रोज 100-150 अल्ट्रासाउंड होते हैं। इसके लिए अस्पताल में अब तक तीन चिकित्सक तैनात थे। इनमें से एक रेडियोलॉजिस्ट डॉ. विची खन्ना ने इस्तीफा दे दिया है, जबकि पीएमएस संवर्ग के डॉ. यतेंद्र सिंह का तबादला कर दिया गया। ऐसे में अब दबाव एकमात्र रेडियोलॉजिस्ट पूर्व स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. जीएस जोशी पर है। जिस कारण मरीजों को इंतजार के मर्ज से जूझना पड़ रहा है। रेडियोलॉजिस्ट पर एक्स-रे, एमआरआइ आदि की रिपोर्टिग का भी जिम्मा होता है। मात्र एक रेडियोलॉजिस्ट होने से इन कार्यो में भी व्यवधान उत्पन्न हो रहा है। अब डॉ. जोशी ने भी इस्तीफे की पेशकश कर दी है। प्राचार्य डॉ. प्रदीप भारती गुप्ता के अनुसार मेडिकल कॉलेज में डॉ. जोशी से बात की गई है। उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया जा रहा। इसके अलावा शासन से स्थानातरित रेडियोलॉजिस्ट डॉ. यतेंद्र को रोकने का भी अनुरोध किया है। जल्द ही स्थिति सामान्य होने लगेगी।


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