शराब की दुकानों से कदम पीछे खींच रहे व्यापारी
राज्य ब्यूरो, देहरादून: राज्य सरकार को इस वर्ष शराब की दुकानों से खासा नुकसान होने की आशंका गहराने ल
राज्य ब्यूरो, देहरादून: राज्य सरकार को इस वर्ष शराब की दुकानों से खासा नुकसान होने की आशंका गहराने लगी है। शराब की दुकानों को लेकर हो रहे विरोध के चलते इनका लाइसेंस लेने के लिए व्यापारियों ने कदम पीछे खींचने शुरू कर दिए हैं। स्थिति यह है कि गत वर्ष के मुकाबले इस वर्ष केवल एक तिहाई व्यापारियों ने ही लाइसेंस लेने में रुचि दिखाई है। बीते वर्ष केवल फार्म से ही 150 करोड़ कमाने वाले विभाग को इस वर्ष तकरीबन 72 करोड़ रुपये ही मिल पाए हैं।
प्रदेश में इस समय शराब की दुकानों को लेकर तीव्र विरोध चल रहा है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट की ओर से राष्ट्रीय व राज्य राजमार्गो से शराब की दुकानों को 500 मीटर पीछे करने के आदेश के बाद यह स्थिति आई है। प्रदेश में गत वर्ष आबकारी महकमे ने शराब की दुकानों के 525 लाइसेंस जारी किए थे। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आबकारी महकमे को 377 दुकानों को शिफ्ट करना पड़ा। जहां ये दुकानें शिफ्ट हुईं, वहां लोगों ने इसका विरोध शुरू कर दिया। इस वजह से इनमें से केवल 249 दुकानें ही खुल पाईं। वहीं सुप्रीम कोर्ट के आदेश की जद में न आने वाली शेष 148 दुकानों में से भी 127 दुकानें ही खुली हैं। प्रदेश में अभी 376 दुकानें ही संचालित हो रही हैं। दुकानों के विरोध को देखते हुए आबकारी विभाग ने इस वर्ष केवल 503 दुकानों के लिए आवेदन मांगे थे। इनमें विदेशी मदिरा की 239, देशी मदिरा की 176 और शेष मिश्रित दुकानें हैं। इनके लिए इस वर्ष कम लोगों ने रुचि दिखाई है। इससे अधिकारियों की पेशानी पर बल पड़े हुए हैं।
शराब की दुकानों के लिए आवेदनों की अनंतिम स्थिति
गत वर्ष इस वर्ष
13545 4475
1344 832
1129 459
2166 712
1965 895
632 497
1294 772
1400 366
1534 988
1027 503
16000 7772
12965 4820
8181 2941
कुल
63182 26032