प्रशासन की मंशा पर वकीलों ने फेरा पानी
जागरण संवाददाता, देहरादून: कलक्ट्रेट परिसर को नो पार्किंग जोन बनाने की प्रशासन की मंशा दूसरे दिन ही
जागरण संवाददाता, देहरादून: कलक्ट्रेट परिसर को नो पार्किंग जोन बनाने की प्रशासन की मंशा दूसरे दिन ही दम तोड़ गई। वकीलों में हुए आपसी विवाद के बाद मंगलवार को कलक्ट्रेट में पार्किंग दोबारा शुरू हो गई। वकीलों ने कहा कि पुरानी जेल में जहां प्रशासन ने पार्किंग की व्यवस्था की है, वहां जगह बेहद कम है। जब तक प्रशासन पार्किंग की उचित व्यवस्था नहीं करता तब तक प्रशासन का सहयोग नहीं किया जाएगा।
रोजाना सैकड़ों लोग कलक्ट्रेट पहुंचते हैं, जिस वजह से परिसर में वाहनों की आवाजाही भी काफी अधिक रहती है। वाहनों के बेतरतीब ढंग से खड़े होने के कारण परिसर में सुबह से शाम तक जाम जैसी स्थिति रहती है। इससे आम लोगों के साथ ही अधिकारियों को भी आने-जाने में परेशानी झेलनी पड़ती है। इस समस्या के समाधान को प्रशासन ने बार एसोसिएशन से वार्ता कर वाहनों की पार्किग की व्यवस्था पुरानी जेल परिसर में कर दी। सोमवार से यह व्यवस्था अमल में लाई गई और प्रशासन ने कलक्ट्रेट में मेन गेट पर सुरक्षा गार्ड तैनात कर दिए ताकि कोई वाहन अंदर न घुस पाए। पहले दिन तो व्यवस्था ठीक-ठाक चली और वकीलों के साथ ही कलक्ट्रेट पहुंचे सभी लोगों ने पुरानी जेल परिसर में ही वाहन खड़े किए। लेकिन, मंगलवार को वकीलों का एक गुट इस व्यवस्था के विरोध में उतर आया। इसे लेकर उनका वकीलों के दूसरे पक्ष से विवाद भी हुआ। विवाद के बाद बार एसोसिएशन ने तय किया कि सभी वकील पहले की भांति कलक्ट्रेट परिसर में ही वाहन पार्क करेंगे।
बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव शर्मा बंटू ने कहा कि यह व्यवस्था प्रशासन ने महज अपनी सुविधा के लिए की है। पुरानी जेल में जगह काफी कम है और यह कलक्ट्रेट से काफी दूर भी है। उन्होंने कहा कि जब तक प्रशासन पार्किंग की उचित व्यवस्था नहीं करता, सभी वकील कलक्ट्रेट में ही वाहन पार्क करेंगे।
कलक्ट्रेट परिसर में अवैध पार्किंग
कलक्ट्रेट परिसर में प्रतिबंधित क्षेत्रों में भी पार्किंग हो रही है। वहीं, प्रशासन मामला संज्ञान में आने के बाद भी आंखें मूंदे बैठा है। कलक्ट्रेट में हर साल टेंडर के माध्यम से पार्किग का ठेका दिया जाता है। पार्किग के लिए प्रशासन ने स्थान नियत किए हैं और कुछ स्थान पार्किग के लिए प्रतिबंधित हैं। मगर, ठेकेदार प्रतिबंधित स्थानों पर भी वाहनों को पार्क कर कमाई कर रहे हैं।
यहां हो रही अवैध पार्किग
एसडीएम सदर कार्यालय के सामने, सिटी मजिस्ट्रेट न्यायालय के सामने, कलक्ट्रेट के मुख्य द्वार पर, पोस्ट ऑफिस, खनन एवं प्रोटोकॉल, डबल लॉक के सामने, कोषागार के सामने, जनाधार के सामने।
पार्किंग को लेकर कोई विवाद नहीं है। जेल परिसर में जगह कम है। इस वजह से थोड़ी परेशानी हो रही है। इसका भी समाधान ढूंढ लिया जाएगा। इसके लिए बार एसोसिएशन से वार्ता की जाएगी।
-एसए मुरुगेशन, जिलाधिकारी