दृष्टिबाधिता से लड़कर बनाया मुकाम
जागरण संवाददाता, देहरादून: हम सभी अपनी जिंदगी की तमाम परेशानियों में उलझे रहते हैं, लेकिन हमारे ही आ
जागरण संवाददाता, देहरादून: हम सभी अपनी जिंदगी की तमाम परेशानियों में उलझे रहते हैं, लेकिन हमारे ही आसपास ऐसे कई लोग हैं जिन्हें देखकर लगता है कि हमारी समस्याएं कुछ भी नहीं। ये ऐसे लोग हैं जिन्होंने अपनी मजबूत इच्छाशक्ति के दम पर दुनिया को यह दिखा दिया कि कोई लक्ष्य मनुष्य के साहस से बड़ा नहीं, हारा वही जो लड़ा नहीं।
रविवार को टाइम इंस्टीट्यूट ने सार्वजनिक क्षेत्र की बैकिंग सेवाओं व एसएससी के लिए चयनित छात्रों का सम्मान समारोह आयोजित किया। जिसमें मुख्य अतिथि दीपक बड़थ्वाल ने बरबस ही सभी का ध्यान अपनी ओर खींच लिया। हर्रावाला निवासी दीपक वह शख्स हैं जिन्होंने दृष्टिबाधित होते हुए भी न सिर्फ कॅरियर बल्कि जिंदगी की जंग भी जीती। राष्ट्रीय दृष्टिबाधितार्थ संस्थान (एनआइवीएच) से शिक्षा ग्रहण करने के बाद दीपक ने बैकिंग क्षेत्र में कॅरियर बनाने की ठानी। जिसमें उनकी मददगार बनी ऑनलाइन साइट। स्क्रीन रीडर इन वेबसाइट उन्हें नोट्स पढ़कर सुनाता। पूर्व फौजी व सीआइएसएफ में हेड कांस्टेबल विक्रम सिंह बड़थ्वाल के बेटे दीपक ने 30 अटेम्प्ट के बाद गत वर्ष एसबीआइ पीओ की परीक्षा में सफलता हासिल की। वह अभी एसबीआइ मुख्य शाखा में कार्यरत हैं। दृढ़ इच्छाशक्ति का एक उदाहरण बैकिंग परीक्षा में सफल दीपिका चावला भी हैं। वह परीक्षा की तैयारी कर रही थी जब उनकी मां का देहांत हो गया और तमाम जिम्मेदारियां उनके कंधों पर आ गई। लेकिन उन्होंने न सिर्फ बीटेक की पढ़ाई पूरी की बल्कि बैंक पीओ में भी सफलता अर्जित की।
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अचीवर्स का किया सम्मान
देहरादून: टाइम इंस्टीट्यूट ने रविवार को अचीवर्स मीट का आयोजन किया। संस्थान के निदेशक राजीव कुकरेजा ने बताया कि इस वर्ष संस्थान से आइबीपीएस के 29 व एसबीआइ के छह पीओ, एसएससी में चार, एसबीआइ क्लर्कस में एक व सीपीओ में छह छात्रों का चयन हुआ है। जबकि इस वर्ष बैंकिंग परीक्षाओं के पैटर्न में बदलाव हुआ और परीक्षा का कठिनता का स्तर भी बढ़ाया गया। इसी के साथ एसएससी की परीक्षाएं भी ऑनलाइन आयोजित कराई गई व इनके चरणों में भी बदलाव आया है। कार्यक्रम में उपस्थित एसबीआइ से जितेंद्र डंडोना व इलाहाबाद बैंक के पूर्व प्रबंध केशव ने छात्रों में जोश भरा। कार्यक्रम का संचालन दिव्या दुबे ने किया।