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बच्चों के व्यक्तित्व विकास में माता-पिता की भूमिका अहम

जागरण संवाददाता, देहरादून: स्टेट कॉलेज ऑफ नर्सिग की ओर से आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय कान्फ्रेंस का श

By JagranEdited By: Published: Fri, 21 Apr 2017 09:16 PM (IST)Updated: Fri, 21 Apr 2017 09:16 PM (IST)
बच्चों के व्यक्तित्व विकास में माता-पिता की भूमिका अहम
बच्चों के व्यक्तित्व विकास में माता-पिता की भूमिका अहम

जागरण संवाददाता, देहरादून: स्टेट कॉलेज ऑफ नर्सिग की ओर से आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय कान्फ्रेंस का शुक्रवार को शुभारंभ हो गया। कार्यक्रम में वक्ताओं ने बच्चों के व्यक्तित्व विकास में माता-पिता की भूमिका को अहम बताया।

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राष्ट्रीय कान्फ्रेंस का विषय 'इंपैक्ट ऑफ केय¨रग एंड रिय¨रग प्रैक्टिसेस ऑन चाइल्ड ग्रोथ एंड डेवलपमेंट।' है। कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए मुख्य अतिथि उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. पीके गर्ग ने कहा कि संतान होने से पहले पति-पत्नी ने उसके पोषण का प्रशिक्षण नहीं लिया होता, लेकिन उनमें यह गुण स्वत: आ जाते हैं। एक मां शिशु की सभी आवश्यकताएं समझ जाती है और उसकी मौन भाषा में अर्थ ढूंढ लेती है। उन्होंने शिशु के मानसिक व शारीरिक विकास में हेल्थ सिस्टम की भूमिका पर भी बात की। इस मौके पर उन्होंने स्मारिका का भी विमोचन किया। बनारस ¨हदू विश्वविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. बृजेश सिंह ने शिशु के टीकाकरण पर विशेष ध्यान देने पर जोर दिया। विवि के डॉ. पीके राय ने चाइल्ड एब्यूज व पैरेंटिंग पर व्याख्यान दिया। कार्यक्रम में नर्सिग छात्राओं द्वारा बनाए मॉडल भी प्रस्तुत किए गए। शाम को आयोजित रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों में प्रतिभागियों ने विभिन्न प्रांतों की सांस्कृतिक छटा बिखेरी। इस दौरान प्राचार्या डॉ. रश्मि यादव, उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. संजय कुमार सिंह समेत अन्य मौजूद रहे।


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