अब बिल में जुड़ेगी हर्जाने की रकम
जागरण संवाददाता, देहरादून: विद्युत व्यवस्था से संबंधित समस्या का निदान समय पर न होने की दशा में हर्ज
जागरण संवाददाता, देहरादून: विद्युत व्यवस्था से संबंधित समस्या का निदान समय पर न होने की दशा में हर्जाने की रकम उपभोक्ता के बिल में समायोजित होगी। उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग (यूईआरसी) ने इसके लिए कमान अपने हाथ में ले ली है। एक अप्रैल से इसे प्रभावी रूप से लागू किया जाएगा। इसमें जिला प्रशासन की मदद ली जाएगी।
यूईआरसी ने उपभोक्ताओं की सभी तरह की समस्या के निदान के लिए समय-सीमा निर्धारित की है। समय पर समस्या का निदान न हो तो ऊर्जा निगम पर हर्जाने का प्रावधान है। हालांकि, इसकी प्रभावी मॉनीट¨रग न होने के चलते सिर्फ उन्हीं उपभोक्ताओं को हर्जाना मिलता है, जो विद्युत उपभोक्ता शिकायत निवारण मंच में शिकायत दर्ज कराते हैं। यूईआरसी अध्यक्ष सुभाष कुमार ने बताया कि सभी जिलाधिकारियों और दोनों मंडल आयुक्तों के साथ बैठक हो चुकी है। जिलाधिकारी उपभोक्ताओं की शिकायतों के संबंध में अधिशासी अभियंताओं के साथ बैठक करेंगे। हर बैठक में जाना जाएगा कि कितनी शिकायतें दर्ज हुई और कितनी का समय पर निस्तारण हुआ। जिलाधिकारी को अधिशासी अभियंतायह भी बताएंगे कि जिनका निस्तारण नहीं हुआ, उन उपभोक्ताओं को हर्जाना मिला या नहीं और इस बावत क्या कार्यवाही हुई। जिलाधिकारी इसकी रिपोर्ट आयुक्तों को भेजेंगे और वहां से रिपोर्ट यूईआरसी के पास आएगी। रिपोर्ट के आधार पर यूईआरसी उपभोक्ताओं को हर्जाना दिलाने के लिए कदम उठाएगा। उन्होंने बताया कि जुर्माने और हर्जाने की रकम जिम्मेदार अधिकारी-कर्मचारी के वेतन से काटने की व्यवस्था भी लागू होगी। भविष्य में उपभोक्ताओं की सेवाओं में बेहतरी के लिए और भी कदम उठाए जाएंगे।
प्रमुख समस्याओं के निवारण का निर्धारित समय
-एमसीबी ट्रिप होने पर शहरी क्षेत्र में चार और ग्रामीण क्षेत्र में आठ घंटे के भीतर आपूर्ति बहाल होना।
-सर्विस लाइन टूटने पर शहरी क्षेत्र में छह और ग्रामीण क्षेत्र में 12 घंटे में आपूर्ति बहाल होना।
-सप्लाई लाइन टूटने पर 12 घंटे के भीतर आपूर्ति बहाल।
-ट्रांसफार्मर खराब होने पर 48 घंटे के भीतर आपूर्ति सुचारु।
-30 दिन के भीतर कनेक्शन का लोड कम या ज्यादा करना।
-कनेक्शन की श्रेणी 10 दिन के भीतर बदलना।
-15 दिन के भीतर टेस्टिंग मीटर लगाना।
-खराब मीटर छह घंटे के भीतर बदला जाना।