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बच्चे की मौत पर परिजनों का हंगामा

जागरण संवाददाता, ऋषिकेश: चंद्रेश्वर नगर स्थित मेडिकल सेंटर में उपचार के दौरान सात माह के शिशु की मौत

By JagranEdited By: Published: Tue, 21 Mar 2017 07:01 PM (IST)Updated: Tue, 21 Mar 2017 07:01 PM (IST)
बच्चे की मौत पर परिजनों का हंगामा
बच्चे की मौत पर परिजनों का हंगामा

जागरण संवाददाता, ऋषिकेश: चंद्रेश्वर नगर स्थित मेडिकल सेंटर में उपचार के दौरान सात माह के शिशु की मौत होने पर गुस्साए परिजनों ने वहां हंगामा कर दिया। परिजनों का आरोप है कि चिकित्सक शराब के नशे में था और बच्चे का गलत उपचार किया। हंगामा होने पर चिकित्सकों ने खुद को कमरे में बंद कर दिया। वहीं मौके पर पहुंची पुलिस ने बच्चे के शव का पोस्टमार्टम कराया। बच्चे के पिता ने चिकित्सक के खिलाफ तहरीर दी है।

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चंद्रेश्वर नगर निवासी सुजीत के सात माह के पुत्र सुप्रीत की बीती रविवार को तबीयत खराब हो गई थी। जिसे चंद्रेश्वर नगर में ही मेडिकल सेंटर में लाया गया था। उपचार के बाद परिजन बच्चे को अपने साथ घर ले गए थे। सोमवार सुबह 11 बजे बच्चे की तबीयत खराब होने पर वह उसे फिर उसी मेडिकल सेंटर में लेकर आए। यहां उसकी हालत बिगड़ गई तो बच्चे को देर रात साढ़े बारह बजे जॉलीग्रांट हॉस्पिटल ले जाया गया। जहां चिकित्सकों ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया। इस मामले में मंगलवार की सुबह साढ़े चार बजे बच्चे के शव के साथ लोगों की भीड़ चिकित्सालय पर जमा हो गई। परिजनों ने हंगामा करते हुए यहा मौजूद चिकित्सक पर आरोप लगाया कि गलत उपचार के कारण बच्चे की मौत हुई। हंगामा होते देख चिकित्सक ने कमरा अंदर से बंद कर लिया। घाट पुलिस चौकी के प्रभारी राजभर ¨सह राणा मौके पर पहुंचे और डॉक्टर को कमरे से बाहर निकाला गया। पुलिस की मौजूदगी में भी लोगों ने हंगामा किया। कोतवाली प्रभारी निरीक्षक सुरेंद्र ¨सह सामंत ने बताया कि बच्चे के शव का पोस्टमार्टम कराया जाएगा। मामला चिकित्सक से जुड़ा है इसलिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी इस मामले में चिकित्सकों का पैनल गठित करेंगे। रिपोर्ट के आधार पर ही कार्रवाई होगी। बच्चे के पिता सुजीत ने त्रिवेणी घाट चौकी में चिकित्सक के खिलाफ तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की है। पुलिस द्वारा मेडिकल सेंटर में बच्चे के उपचार में प्रयुक्त इंजेक्शन व दवा के अवशेष सील किए गए हैं।

उधर मेडिकल सेंटर के प्रशासनिक अधिकारी सीपी नैथानी ने बताया कि 19 मार्च को परिजन बच्चे को लेकर यहां आए थे। बच्चे को भर्ती भी किया गया था। बाद में बच्चे के पिता ने लिखित तौर पर अपने रिस्क में बच्चे को घर ले जाने के लिए कहा और बच्चे को घर ले गए थे। उन्होंने उपचार में किसी भी तरह की लापरवाही के आरोप को खारिज किया।


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