गोदावरी को मिला बगावत के बेहतर परिणाम का ईनाम
जागरण संवाददाता, देहरादून: मसूरी सीट पर पिछली बार चुनाव में बगावत कर बेहतर परिणाम हासिल करने का गोदा
जागरण संवाददाता, देहरादून: मसूरी सीट पर पिछली बार चुनाव में बगावत कर बेहतर परिणाम हासिल करने का गोदावरी थापली को ईनाम मिल ही गया। कांग्रेस ने इस सीट पर अपने वरिष्ठ नेता जोत सिंह गुनसोला को किनारे कर गोदावरी पर दांव खेला है।
पिछले विधानसभा चुनाव में गोदावरी की वजह से ही कांग्रेस को इस सीट पर हार का मुंह देखना पड़ा था। निर्दलीय प्रत्याशी रही थापली ने करीब 10 हजार वोट झटक लिए थे, जो कांग्रेस के प्रत्याशी जोत सिंह गुनसोला की पराजय का अहम कारण बने। गोदावरी को बाद में पार्टी ने मनाकर वापस बुला लिया। मुख्यमंत्री हरीश रावत से करीबी के चलते गोदावरी को इसी सरकार में दर्जाधारी भी बनाया गया। हालांकि, दो बार विधायक व दो बार नगर पालिका के अध्यक्ष रह चुके जोत सिंह गुनसोला मजबूत दावेदारी के बावजूद पार्टी का भरोसा जीतने में सफल नहीं हुए। सरकार में दर्जाधारी बनने से इन्कार कर चुके मनीष वर्मा टिकट के लिए दिल्ली तक दौड़ लगा रहे थे, मगर पार्टी ने उन्हें भी नकार दिया। अब दोनों ही दावेदार पार्टी के निर्णय पर संतुष्टि जता रहे हैं। गुनसोला ने कहा कि वे पार्टी के पुराने सिपाही हैं, पार्टी ने जिसे चुना है उसे जिताएंगे, मनीष वर्मा ने भी यही शब्द दोहराए।
गोदावरी थापली
शैक्षिक योग्यता: स्नातक
आधार: दर्जाधारी, 18 साल से क्षेत्र में सक्रिय, पति की सक्रियता का भी लाभ, एनजीओ से भी जुड़ी हुई, प्रदेश महिला कांग्रेस की महासचिव, पति पीसीसी में सदस्य, दो बार जिला पंचायत सदस्य व दो बार ग्राम प्रधान भी रहीं, गढ़वाली व गोरखा वोटबैंक में खासी पकड़।