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सामरिक चुनौतियों से पार पाने को खीचेंगे खाका

जागरण संवाददाता, देहरादून: देश के समक्ष इस वक्त तमाम सामरिक चुनौतियां हैं। चीन और पाकिस्तान मिलकर भा

By Edited By: Published: Sat, 21 Jan 2017 01:00 AM (IST)Updated: Sat, 21 Jan 2017 01:00 AM (IST)
सामरिक चुनौतियों से पार पाने को खीचेंगे खाका

जागरण संवाददाता, देहरादून: देश के समक्ष इस वक्त तमाम सामरिक चुनौतियां हैं। चीन और पाकिस्तान मिलकर भारत के लिए मुश्किलें खड़ी कर रहे हैं। पाकिस्तान से लगने वाली देश की सरहद पर हालात लगातार बिगड़े हैं। पाकिस्तान, भारत की सरजमीं पर हमले करने और विदेश में भारतीय हितों को निशाना बनाने के इच्छुक सशस्त्र आतंकी गुटों को शरण देना, प्रायोजित करना और कुछ मामलों में उन्हें सीधे निर्देश देना जारी रखे हुए है। आतंकी गुट लगातार सशस्त्र बलों को निशाना बना रहे हैं। सर्जिकल स्ट्राइल के बाद भी इसमें कमी नहीं आई है। उसपर चीन के साथ भी रिश्तों में तल्खी बढ़ रही है। पाकिस्तान के साथ चीन की गलबहियों ने भारत से उसके रिश्ते और भी असहज बना दिए हैं। भारत के परंपरागत प्रभाव के क्षेत्रों में चीन की मौजूदगी और प्रभाव में वृद्धि हुई है। समुद्र में भी चीन भारत को घेर रहा है। मोटे तौर पर भारत एक ऐसे वातावरण का भी सामना कर रहा है, जिसमें न सिर्फ जल, थल व आकाश बल्कि साइबरस्पेस जैसे अन्य क्षेत्र में भी दबाव बढ़ रहा है। रक्षा विशेषज्ञ मानते हैं कि इन मसलों से रणनीतिक और चरणबद्ध ढंग से निपटा जाना चाहिए। उम्मीद है कि शनिवार को होने वाले संयुक्त सैन्य सम्मेलन में इसे लेकर न सिर्फ विचार होगा बल्कि भविष्य का खाका भी खींचा जाएगा।

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देश में सुरक्षा एक जटिल विषय है। वह भी तब, जब सामरिक चुनौतियां लगातार बढ़ रही हैं। पाकिस्तान और चीन की दोस्ती नई मुश्किलें खड़ी कर रही है। ऐसे में जरूरत सूक्ष्म स्तर पर रणनीति तैयार करने की है। ताकि दुश्मन को मुंह तोड़ जवाब दिया जा सके।

-ले. जनरल (सेनि) एमसी भंडारी

संयुक्त कमांडर कॉन्फ्रेंस में हथियारों के आधुनिकीकरण, रिसर्च एंड डेवलपमेंट, संयुक्त अभियान व तमाम रणनीतिक पहलुओं पर चर्चा होती है। प्रधानमंत्री के संबोधन का सवाल है तो वह देश की विदेश नीति के आधार पर यह दिशा-निर्देश देंगे कि क्या कदम उठाए जाने चाहिए।

-ले. जनरल (सेनि) ओपी कौशिक

इस दौरान सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान के साथ संबंध, जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा हालात, समुद्री सरहद पर चीन का दखल और सेनाओं का आधुनिकीकरण जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी। इसके अलावा समस्त कमान के प्रमुख अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे।

-ले. जनरल (सेनि) गंभीर सिंह नेगी


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