पीएम के कार्यक्रम को गैर राजनीतिक रखने की कोशिश
राज्य ब्यूरो, देहरादून: देहरादून में शनिवार को होने वाली कमांडर्स कान्फ्रेंस में शिरकत करने आ रहे प्
राज्य ब्यूरो, देहरादून: देहरादून में शनिवार को होने वाली कमांडर्स कान्फ्रेंस में शिरकत करने आ रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम को पूरी तरह गैर राजनीतिक रखने का प्रयास किया जा रहा है। मुख्यमंत्री हरीश रावत की ओर से आयोजन को भाजपा का सियासी एजेंडा बताने और कांग्रेस की ओर से इस मामले को चुनाव आयोग के समक्ष रखने के बाद इस कार्यक्रम से भाजपा भी दूरी बनाए हुए हैं। भाजपा की भूमिका केवल प्रधानमंत्री के स्वागत तक सीमित हैं। जौलीग्रांट में वरिष्ठ नेता उनका स्वागत करेंगे।
देहरादून के प्रतिष्ठित भारतीय सैन्य अकादमी (आइएमए) में शकनवार को कमांडर्स कान्फ्रेंस का आयोजन किया जा रहा है। इस कान्फ्रेंस में तीनों सेना के प्रमुख और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत सेना के उच्चाधिकारी शिरकत करेंगे। इसकी तैयारी पूरी हो चुकी है। यह कान्फ्रेंस उत्तराखंड के चुनावी मौसम के कारण राजनीतिक रूप भी ले चुकी है। दरअसल, कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व भाजपा पर इस कान्फ्रेंस के राजनीतिकरण का आरोप लगाया है। मुख्यमंत्री हरीश रावत का कहना है कि प्रदेश में चुनाव के दौरान होने वाली इस कान्फ्रेंस के जरिए भाजपा अपना सियासी हित साधना चाहती है। उत्तराखंड सैनिक बहुल क्षेत्र है। इस कारण कान्फ्रेंस में सैनिकों के संबंध में लिए जाने वाले निर्णय प्रदेश के चुनाव पर सीधे असर डाल सकते हैं। वहीं, कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने भी प्रदेश की मुख्य निर्वाचन अधिकारी से मुलाकात कर इस कान्फ्रेंस की टाइमिंग पर आपत्ति जताई थी। केंद्रीय निर्वाचन आयोग के सामने भी यह मामला उठाया गया। माना जा रहा है कि मामले को बढ़ता देख इस कार्यक्रम को पूरी तरह गैर राजनीतिक रखने का प्रयास चल रहा है। भाजपा केवल प्रधानमंत्री के स्वागत तक सीमित नजर आ रही है। इसके लिए भी प्रधानमंत्री कार्यालय से चुनिंदा नामों की सूची भेजी गई है। इसमें भाजपा के सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों के नाम शामिल हैं। हालांकि, शनिवार को पार्टी प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट के नामांकन का भी कार्यक्रम है। माना जा रहा है कि ऐसे में कुछ देहरादून तो कुछ रानीखेत में रहेंगे। जो देहरादून में रहेंगे वह ही प्रधानमंत्री का स्वागत करने जाएंगे। पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी और उपाध्यक्ष नरेश बंसल भाजपा कार्यकर्ताओं का नेतृत्व करेंगे।
हालांकि प्रधानमंत्री के दौरे को गैर राजनैतिक रखने की कोशिश है मगर इतना तय है कि सैन्य बहुल राज्य होने के कारण भाजपा बाद में इस महत्वपूर्ण बैठक में लिए जाने वाले फैसलों का सियासी लाभ लेने की रणनीति अख्तियार कर सकती है।