उच्च तुंगता भत्ते का मामला वेतन विसंगति समिति को
राज्य ब्यूरो, देहरादून: नौ हजार फीट से ज्यादा ऊंचाई पर तैनात पुलिस कर्मियों को उच्च तुंगता भत्ते के
राज्य ब्यूरो, देहरादून: नौ हजार फीट से ज्यादा ऊंचाई पर तैनात पुलिस कर्मियों को उच्च तुंगता भत्ते के मसले पर शासन ने अब वेतन विसंगति समिति के पाले में गेंद डाल दी है। अब वेतन विसंगति समिति ही इस मसले पर अंतिम निर्णय लेगी।
प्रदेश में वर्ष 2013 में आई आपदा के बाद से प्रदेश में उच्च तुंगता बल के गठन की कवायद की गई थी। दरअसल, प्रदेश में अभी अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में आइटीबीपी व सशस्त्र सीमा पुलिस बल तैनात हैं। ये दोनों ही केंद्रीय बल हैं। इस कारण प्रदेश के अपने बल को भी सुरक्षा के दृष्टिगत अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में तैनात करने की कवायद शुरू की गई। इसी कड़ी में उच्च तुंगता बल गठन की कवायद शुरू हुई। बाद में सरकार ने राज्य आपदा प्रतिवादन बल (एसडीआरएफ) में ही समाहित कर दिया। इसका कार्य प्रदेश की ऊंचाई वाले इलाकों आपदा राहत बचाव कार्य के साथ ही अपरिहार्य स्थिति में सीमाओं पर निगरानी करना है। दुरुह क्षेत्र और कार्य की स्थिति को देखते हुए शासन ने इसके लिए प्रतिदिन तीन सौ रुपये के हिसाब से इन्हें अतिरिक्त भत्ता देने की योजना बनाई थी। इसके लिए पुलिस मुख्यालय की ओर से एक प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा गया। शासन में गहन मंथन के बाद यह मामला वित्त विभाग को सौंपा गया। वित्त ने भी उच्च तुंगता भत्ता दिए जाने को वेतन विसंगति का एक प्रकरण माना है। यही कारण है कि अब इसे वेतन विसंगति समिति को संदर्भित किया जा रहा है। माना जा रहा है कि बुधवार को वेतन विसंगति समिति की बैठक में इस मसले को रखा जा सकता है। इस समय एसडीआरएफ के कई जवान नौ हजार फीट से अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में तैनात हैं। इसी कारण पुलिस इस मामले को आगे बढ़ा रही है।