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हरिद्वार-देहरादून टै्रक का 26 को संयुक्त निरीक्षण

जागरण संवाददाता, देहरादून: हरिद्वार-देहरादून रेलवे ट्रैक से गुजरने वाली रेलगाड़ियां वन्यजीवों के लिए

By Edited By: Published: Sat, 22 Oct 2016 10:46 PM (IST)Updated: Sat, 22 Oct 2016 10:46 PM (IST)
हरिद्वार-देहरादून टै्रक का  26 को संयुक्त निरीक्षण

जागरण संवाददाता, देहरादून: हरिद्वार-देहरादून रेलवे ट्रैक से गुजरने वाली रेलगाड़ियां वन्यजीवों के लिए जान का सबब न बनें, इसके लिए रेलवे और राजाजी पार्क प्रशासन गंभीरता से पहल करेंगे। इस सिलसिले में 26 अक्टूबर को रेलवे और पार्क प्रशासन के अधिकारी इस ट्रैक का संयुक्त निरीक्षण करेंगे। इसमें उन उपायों पर मंथन किया जाएगा, जिनसे हाथी समेत दूसरे जानवरों को कैसे रेलवे लाइन पर आने से रोका जा सके। वन मंत्री दिनेश अग्रवाल और रेलवे के अधिकारियों की शनिवार को हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया। इस अवसर पर वन विभाग की ओर से रेलवे के खिलाफ दर्ज कराए गए मुकदमे के संबंध में भी चर्चा हुई। वनमंत्री ने कहा कि इसकी विवेचना चल रही है और यदि रेलवे की कोई गलती सामने नहीं आई तो मुकदमा वापसी पर विचार किया जाएगा।

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उत्तर रेलवे के डीआरएम प्रमोद कुमार समेत अन्य अधिकारियों ने शनिवार को वन मंत्री दिनेश अग्रवाल से मुलाकात कर हरिद्वार-देहरादून रेलवे टै्रक पर हो रही दुर्घटनाओं में वन्यजीवों की मौत के मसले पर विमर्श किया। बैठक में इस बात पर जोर दिया गया कि ट्रैक पर ऐसे उपाय होने चाहिएं, जिससे रेल सेवाएं भी बाधित न हों और वन्यजीव भी महफूज रहें। तय हुआ कि 26 अक्टूबर को होने वाले संयुक्त निरीक्षण में इसी बिंदु पर फोकस होगा। श्री अग्रवाल ने इस मसले को लेकर राजाजी पार्क के निदेशक सनातन से भी वार्ता की।

वन मंत्री ने रेलवे अधिकारियों से हरिद्वार-देहरादून के बीच चलने वाली सभी ट्रेनों और इनकी गति का ब्योरा प्रस्तुत करने को कहा। उनका कहना था कि वन विभाग के अधिकारियों का तर्क है कि इस रूट पर ट्रेंनें निर्धारित गति से तेज चलती हैं। जबकि रेलवे के अधिकारी कहते हैं कि ट्रेन को निर्धारित गति पर ही चलाया जाता है।

सीवर लाइन की स्वीकृति दे रेलवे

राजधानी में रेलवे लाइन के नीचे से प्रस्तावित सीवर लाइनों के संबंध में भी वन मंत्री ने रेलवे अधिकारियों से वार्ता की और कहा कि रेलवे को इसकी स्वीकृति अविलंब देनी चाहिए। इससे रेस्टकैंप और चंदरनगर की सीवर लाइन बड़ी लाइन से जुड़ सकेगी। साथ ही दीपनगर पुल के पास सीवर लाइन के संबंध में निर्णय लिया जा सकेगा। इस बात पर भी सहमति बनी कि दीपनगर में रेलवे न तो रास्ता बंद करेगा और न कोई अवरोध उत्पन्न करेगा।


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