अब तक पहुंचे 31 नए विकासखंडों के प्रस्ताव
राज्य ब्यूरो, देहरादून राज्य में नई प्रशासनिक इकाइयों के गठन की कवायद में जुटी सरकार नए जिले ही नह
राज्य ब्यूरो, देहरादून
राज्य में नई प्रशासनिक इकाइयों के गठन की कवायद में जुटी सरकार नए जिले ही नहीं, बल्कि नए विकासखंडों के गठन की दिशा में भी आगे बढ़ रही है। हालांकि अभी सरकार ने यह फैसला नहीं किया है कि कुल कितने नए विकासखंड बनाए जाएंगे, लेकिन इसके बावजूद अब तक पंचायती राज विभाग के पास इस आशय के 31 प्रस्ताव पहुंच चुके हैं। अपर सचिव पंचायती राज सुशील कुमार के मुताबिक उत्तराखंड सरकार ने केंद्र से नए विकासखंडों के गठन को लेकर दिशा निर्देश मांगे हैं। इसके लिए वित्तीय मदद की भी जरूरत होगी लेकिन अभी प्रक्रिया ही शुरू नहीं हुई है तो केंद्र से बजट की मांग नहीं की गई है।
एक तरफ राज्य में नए जिलों के गठन को लेकर सियासत गरम है, वहीं दूसरी तरफ नए विकासखंडों के गठन की कवायद भी शुरू हो चुकी है। जिलों से प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर इन दिनों पंचायती राज विभाग नए विकासखंडों के गठन को लेकर रिपोर्ट तैयार कर रहा है। गौरतलब है कि नौ नवंबर 2000 को उत्तराखंड के अलग राज्य के रूप में वजूद में आने के समय राज्य में कुल 48 तहसीलें थीं, जिनकी संख्या पिछले पंद्रह सालों में बढ़कर 102 हो चुकी है। इसके अलावा चार उप तहसीलें भी वजूद में हैं। पिछले पांच सालों से चार नए जिलों के गठन को लेकर भाजपा और कांग्रेस में सियासत चरम पर है और नए जिलों के गठन के लिए बनी समिति चार नए जिले बनाने की संस्तुति भी कर चुकी है। इसके बावजूद नए जिलों का मामला अभी फिलहाल आगे नहीं बढ़ा है।
यानी, साफ है कि राज्य बनने के बाद से प्रशासनिक इकाइयों के नाम पर केवल नई तहसीलों का ही गठन हुआ है। अब इस सबके बीच सरकार नए विकासखंड गठित करने की दिशा में भी आगे बढ़ रही है मगर इसमें केंद्र की अनुमति जरूरी होती है। हालांकि मुख्यमंत्री हरीश रावत आश्वस्त हैं कि केंद्र की अनुमति मिल जाएगी, लेकिन फिलहाल मामला शासन की फाइलों में ही कैद है। शासन ने जिलों से प्रस्तावित विकासखंडों की भौगोलिक स्थिति, जनसंख्या, सड़क संपर्क की स्थिति और प्रशासनिक ढांचे से संबंधित बिंदुओं पर जानकारी मांगी। सूत्रों के मुताबिक अब तक पंचायती राज विभाग के पास कुल 31 नए विकासखंडों के सृजन से संबंधित प्रस्ताव पहुंच चुके हैं। इनमें जिलाधिकारियोंकी रिपोर्ट के अलावा के अलावा जन प्रतिनिधियों द्वारा भेजी गई मांगें भी शामिल हैं।
अपर सचिव और निदेशक पंचायती राज सुशील कुमार ने बताया कि अभी नए विकासखंडों के गठन को लेकर रिपोर्ट तैयार नहीं हो पाई है, लिहाजा संबंधित प्रस्ताव केंद्र को भेजने और इसके लिए केंद्र से बजट मांगने का सवाल ही नहीं पैदा होता। उन्होंने बताया कि केंद्र से नए विकासखंडों के गठन के लिए जरूरी प्रक्रिया, मानकों आदि के संबंध में दिशा निर्देश लिए गए।
इनसेट
'राज्य की विषम भौगोलिक परिस्थितियों के मद्देनजर सरकार नई और छोटी प्रशासनिक इकाइयों की पक्षधर है। सरकार ने अपने बजट में नई प्रशासनिक इकाइयों के लिए सौ करोड़ की धनराशि की व्यवस्था भी की है। सरकार नए विकासखंडों के गठन के लिए गंभीर है।'
-हरीश रावत, मुख्यमंत्री उत्तराखंड।