तो किशोर रह जाएंगे ठन-ठन गोपाल
राज्य ब्यूरो, देहरादून: कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय की राज्यसभा में जाने की उम्मीदों क
राज्य ब्यूरो, देहरादून: कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय की राज्यसभा में जाने की उम्मीदों को लगातार दूसरी बार झटका लगता दिख रहा है। बेशक, उन्होंने खुद राज्यसभा के टिकट की दावेदारी नहीं की, मगर मुख्यमंत्री हरीश रावत द्वारा उनके नाम की बजाय पूर्व सांसद प्रदीप टम्टा को तरजीह देना, उनके लिए राजनीतिक तौर पर दोहरे झटके के रूप में देखा जा रहा है। वजह यह है कि उपाध्याय खुद मुख्यमंत्री रावत के पुराने करीबियों में शुमार रहे हैं। अलबत्ता, प्रत्याशी चयन को लेकर कांग्रेस में शुरू हुई कलह ने एक बार फिर किशोर के लिए राज्यसभा के टिकट की उम्मीदें बढ़ा दी हैं।
करीब डेढ़ वर्ष पूर्व राज्यसभा की सीट के लिए हुए चुनाव में भी कांग्रेस पार्टी की ओर से प्रदेश कांग्रेस किशोर उपाध्याय को प्रमुख दावेदार माना जा रहा था, लेकिन उस वक्त भी उपाध्याय के हाथ मायूसी ही लगी और कांग्रेस नेतृत्व ने मनोरमा शर्मा डोबरियाल को अपना उम्मीदवार बनाया। मनोरमा शर्मा के निधन के बाद खाली हुई सीट पर दोबारा चुनाव हुआ, तो कांग्रेस नेतृत्व ने पार्टी नेता राज बब्बर को पैराशूट प्रत्याशी बनाते हुए राज्यसभा भेज दिया। इस बार रिक्त हुई राज्यसभा की सीट पर एक बार फिर किशोर उपाध्याय को टिकट का दावेदार बताया जा रहा था।
क्षेत्रीय व जातीय समीकरण की दृष्टि से भी उनकी दावेदारी मजबूत मानी जा रही थी, मगर इस बार भी उपाध्याय की उम्मीद परवान नहीं चढ़ पाई। दरअसल, उपाध्याय ने राज्य गठन के बाद से हरीश रावत की सरपरस्ती में ही अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत की। उन्हें मुख्यमंत्री रावत के पुराने करीबियों में शुमार किया जाता रहा है। ऐसे में राज्यसभा प्रत्याशी के लिए उनकी बजाय प्रदीप टम्टा को तवज्जो दिए जाने से उपाध्याय के सियासी भविष्य को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं।
दरअसल, वर्ष 2012 में किशोर उपाध्याय टिहरी विधानसभा सीट से निर्दल प्रत्याशी दिनेश धनै से चुनाव हारे थे। धनै वर्तमान में रावत मंत्रिमंडल के सदस्य हैं। करीब ढाई वर्ष विधायक व डेढ़ वर्ष से मंत्री रहते हुए दिनेश धनै ने टिहरी में अपनी पैठ और मजबूत की है। आगामी विधानसभा चुनाव में यदि दिनेश धनै कांग्रेस का टिकट पाने में कामयाब रहे, तो किशोर के लिए आगे की राह भी मुश्किल होना तय है। कांग्रेस में हुई कलह के बाद अब पार्टी प्रत्याशी प्रदीप टम्टा ने हाईकमान को प्रत्याशी चयन पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया है। ऐसे में यदि कांग्रेस नेतृत्व अपना प्रत्याशी बदलने पर विचार करती है, तो उपाध्याय की उम्मीदें फिर से हिलोरें मार सकती हैं।