विवाद सुलझाने आगे आए प्रदीप टम्टा
राज्य ब्यूरो, देहरादून: राज्यसभा सीट को लेकर कांग्रेस व पीडीएफ में मचे घमासान से उपजे संकट को देखते
राज्य ब्यूरो, देहरादून: राज्यसभा सीट को लेकर कांग्रेस व पीडीएफ में मचे घमासान से उपजे संकट को देखते हुए घोषित प्रत्याशी प्रदीप टम्टा खुद आगे आए हैं। उन्होंने प्रदेश प्रभारी अंबिका सोनी के जरिए हाईकमान को पत्र लिखकर उनकी दावेदारी पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया है। पूर्व सांसद टम्टा खुद राजधानी देहरादून भी पहुंच गए हैं और घटनाक्रम पर नजदीक से नजरें रखे हुए हैं।
प्रदेश की एक राज्यसभा सीट के लिए 11 जून को चुनाव होने हैं। इस सीट पर कांग्रेस के कई बड़े नेताओं की नजरें टिकी हुई थी। हालांकि, चर्चा यह भी रही कि कांग्रेस इस सीट पर पैराशूट प्रत्याशी भी उतार सकती है। इसी को देखते हुए कांग्रेस के कई मंचों के माध्यम से स्थानीय को ही राज्यसभा टिकट देने की मांग उठाई गई। कांग्रेस के एक धड़े ने तो वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय के लिए बकायदा सरकार पर दबाव बनाना शुरू कर दिया था। इस बीच पीडीएफ के दिनेश धनै ने भी इस टिकट पर अपना दावा ठोक डाला। टिकट आवंटन से पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत व प्रदेश अध्यक्ष कांग्रेस उपाध्याय के साथ ही उत्तराखंड आए केंद्रीय नेताओं ने भी टिकट वितरण का अधिकार केंद्रीय कमान के पास होने की बात कही। इच्छुक नेताओं ने भी इसके लिए दिल्ली तक अपना दावा पहुंचाया। कांग्रेस नेतृत्व की ओर से प्रदीप टम्टा के नाम पर मुहर लगाए जाने से पीडीएफ की नाराजगी के साथ कई अन्य कांग्रेसी भी मुखर हो गए। मामला बढ़ता देख घोषित प्रत्याशी प्रदीप टम्टा खुद विवाद को सुलझाने आगे आ गए हैं। उन्होंने केंद्रीय नेतृत्व को इस संबंध में एक पत्र भी प्रेषित किया है। इस पत्र में कहा गया है कि कांग्रेस ने उन्हें पहले विधायक व फिर सांसद बनाया है। पार्टी उन्हें पहले ही बहुत कुछ दे चुकी है। वह पार्टी के सच्चे सिपाही हैं। उन्होंने कहा कि यदि पार्टी को लगता है कि उनकी दावेदारी से पार्टी को नुकसान होता है तो वह उनके नाम पर पुनर्विचार कर सकती है। पूर्व सांसद प्रदीप टम्टा ने इस पत्र को भेजे जाने की पुष्टि भी की है।