लापरवाही से बढ़ेगी बिजली की दिक्कत
जागरण संवाददाता, देहरादून : इसे ऊर्जा निगम की लापरवाही कहें या कुछ और पर आने वाले दिनों में उपभोक्ता
जागरण संवाददाता, देहरादून : इसे ऊर्जा निगम की लापरवाही कहें या कुछ और पर आने वाले दिनों में उपभोक्ताओं की मुसीबत तय है। शहर में विद्युत लाइनें पेड़ों के जंजाल में फंसी हैं। क्योंकि, ऊर्जा निगम ने समय रहते लॉपिंग-चॉपिंग नहीं कराई। इसी का नतीजा है कि सोमवार को आए तूफान में कई लाइनें सिर्फ पेड़ की टहनी गिरने से ट्रिप हो गर्ई थी और लोगों को घंटों बिजली कटौती झेलनी पड़ी। अभी तो आंधी-तूफान के मौसम की शुरुआत है। आने वाले समय में क्या स्थिति होगी, इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है।
दरअसल, पूरे साल ही समय-समय पर पेड़ों की लॉपिंग-चॉपिंग होनी चाहिए, जिससे आंधी-तूफान से लाइनें क्षतिग्रस्त होने के नुकसान कम किया जा सके। देहरादून में गत वर्ष 400 से ज्यादा लाइनें इसी कारण ट्रिप हुई। पिछले डेढ़ महीने में ही दर्जनों लाइनें पेड़ व टहनी गिरने से बंद हुई। लेकिन, ऊर्जा निगम इसके प्रति गंभीर नहीं है। जबकि, मेंटेनेंस के मद से लाखों रुपये इसके नाम पर ठिकाने लगा दिए जाते हैं। गर्मी शुरू होने से पहले ही लॉपिंग-चॉपिंग होनी थी, पर नहीं की गई। गर्मी बढ़ी तो शटडाउन पर रोक लग गई। लिहाजा, हल्की से हल्की हवा से ही अक्सर लाइनें बैठ जाती हैं। इससे हादसे का खतरा बना रहता है सो अलग। इस सबके बावजूद ऊर्जा निगम चेतने को राजी नहीं। अब अगर लॉपिंग-चॉपिंग की जाएगी तो बिजली बंद होने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। ऊर्जा निगम प्रवक्ता मधुसूदन का कहना है कि विभाग सिर्फ टहनियों की लॉपिंग-चॉपिंग करता है। हार्ड लॉपिंग वन विभाग करता है।