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राज्य में नहीं गलने वाली केंद्र की दाल

रविंद्र बड़थ्वाल, देहरादून केंद्र से मिलने वाली दाल के फिलहाल उत्तराखंड में गलने के आसार कम ही हैं।

By Edited By: Published: Thu, 05 May 2016 01:02 AM (IST)Updated: Thu, 05 May 2016 01:02 AM (IST)
राज्य में नहीं गलने वाली केंद्र की दाल

रविंद्र बड़थ्वाल, देहरादून

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केंद्र से मिलने वाली दाल के फिलहाल उत्तराखंड में गलने के आसार कम ही हैं। दाल की आसमान छूती कीमतों को थामने की कवायद में देश के बाहर से आयात की गई दालों को राज्य को देने के लिए केंद्र ने पत्र तो भेजा, लेकिन इन्हें दूरदराज से लाने के खर्च को लेकर स्थिति साफ नहीं की है। लिहाजा राज्य ने केंद्र को पत्र भेजकर दून या हल्द्वानी में एफसीआइ के जरिए दाल उपलब्ध कराने की मांग की है। ऐसा नहीं हुआ तो ट्रांसपोर्टेशन की लागत के चलते महंगी दाल को गलाने के लिए राज्य के हामी नहीं भरने के संकेत हैं। फिलहाल खाद्य महकमे ने थोक विक्रेताओं से वार्ता कर राशन की दुकानों पर सस्ती दाल उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। आम उपभोक्ताओं को राहत देने को मंडी परिषद में भी तीन स्टाल लगाए जा रहे हैं।

केंद्र सरकार ने राज्य को भेजी पाती में महंगी होती दालों से उपभोक्ताओं को राहत दिलाने को मदद की पेशकश की है। मदद की ये पेशकश दरअसल, बाहर से आयातित दालों के भरोसे की गई है। कुछ राज्यों को केंद्र सरकार दालें मुहैया करा चुकी है। अरहर समेत कई दालों की कीमतें कुछ समय थमी रहने के बाद अब बेतहाशा वृद्धि से जूझ रही हैं। केंद्र सरकार ने आयातित दालों को देने का प्रस्ताव तो दिया, लेकिन दालें राज्य को उपलब्ध कराने के बारे में स्थिति साफ नहीं की है। ऐसे में दूरदराज राज्यों में बंदरगाहों से दालें लाने की स्थिति में ट्रांसपोर्टेशन की लागत बढ़ना तय है। इससे राज्य सरकार को ट्रांसपोर्टेशन लागत को दाल की कीमत में ही जोड़ने को मजबूर होना पड़ेगा। इसका फौरी आकलन किया गया तो यह बाजार की मौजूदा दरों के बराबर ही पड़ रहा है। लिहाजा इस समस्या से निपटने के लिए राज्य ने केंद्र सरकार को चिट्ठी लिखी है। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति प्रमुख सचिव राधा रतूड़ी ने पत्र लिखने की पुष्टि की। पत्र में केंद्र से ट्रांसपोर्टेशन पर स्थिति साफ करने के साथ ही देहरादून और हल्द्वानी में एफसीआइ गोदामों के जरिए दालें मुहैया कराने की मांग की गई है। केंद्र ने राज्य की समस्या का संज्ञान नहीं लिया तो आयतित दालें उठाने से हाथ खींचे जा सकते हैं। राज्य ने खासतौर पर अरहर की दाल की मांग की है।

उधर, हर राशनकार्डधारक को प्रति कार्ड दो किलो दाल मुहैया कराने के बारे में शासन ने होलसेल डीलर्स के जरिए कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। बीते रोज इस बाबत खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति प्रमुख सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में बैठक हो चुकी है। प्रमुख सचिव ने बताया कि आम उपभोक्ताओं को दाल सस्ती दरों पर मुहैया कराने के लिए मंडी में तीन स्टाल लगाने के निर्देश दिए गए हैं।


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