पैरवी के खर्च पर भाजपा ने सवाल दागे
राज्य ब्यूरो, देहरादून: भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगने के मामले में निवर्तमान
राज्य ब्यूरो, देहरादून: भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगने के मामले में निवर्तमान मुख्यमंत्री हरीश रावत द्वारा पैरवी पर किए जा रहे भारी भरकम खर्च के मामले में कई सवाल उठाए हैं। भाजपा प्रदेश प्रवक्ता विनय गोयल ने कहा कि हरीश रावत स्पष्ट करें कि पैरवी पर आ रहा करोड़ों का खर्च रावत स्वयं वहन कर रहे हैं या फिर खनन, शराब व भूमि के कारोबार से जुड़े माफिया उठा रहे। पूर्व में निवर्तमान हरीश रावत सरकार ने इन महंगे व वरिष्ठ अधिवक्ताओं से किन शर्तो पर हाईकोर्ट में सरकार की पैरवी करवाई।
भाजपा प्रदेश मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत में प्रदेश प्रवक्ता विनय गोयल ने कहा कि बीते रोज एक न्यूज चैनल पर यह खबर प्रसारित हुई कि जिन अधिवक्ताओं व पूर्व केंद्रीय मंत्रियों को कांग्रेस ने बहुत कुछ दिया, वे पैसा लेकर हरीश रावत की पैरवी कर रहे हैं। उन्होंने कह कि भाजपा को इससे लेना देना नहीं है कि निवर्तमान मुख्यमंत्री अपनी पैरवी पर कितना भी खर्च करें, मगर उन्हें यह स्पष्ट करना चाहिए कि मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने वरिष्ठ वकीलों से किन शर्तो पर कोर्ट में सरकार की पैरवी करवाई।
मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद क्या उन्हीं शर्तो पर हरीश रावत अपनी व्यक्तिगत पैरवी करवा रहे हैं। पैरवी में आ रहा करोड़ों का खर्च कौन उठा रहा। रावत खुद खर्च वहन कर रहे या फिर माफिया। क्या आबकारी, खनन व भूमि घोटाले से एकत्र काले धन से इनका भुगतान किया जा रहा। उन्होंने कहा कि विधानसभा सचिवालय की एक स्वतंत्र व्यवस्था है। स्पीकर की पैरवी भी उक्त वरिष्ठ अधिवक्ता कर रहे हैं। उसके भुगतान की व्यवस्था कहां से की गई है। वर्तमान में उसका पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की पैरवी से कोई संबंध नहीं है।
उन्होंने कहा कि स्टिंग की सीबीआइ जांच पर निवर्तमान मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि यदि उन्होंने संवैधानिक मार्यादा को कलंकित करने वाला कोई भी कृत्य किया होगा, तो वे कोई भी सजा भुगतने के लिए तैयार हैं। स्टिंग सीडी में हरीश रावत द्वारा यह कहना की मंत्री विभाग से 25-30 करोड़ कमा लें वे आंख बंद कर लेंगे, संवैधानिक मार्यादा को कलंकित नहीं करता। उन्होंने कहा कि हरीश रावत को अपनी गलती स्वीकार कर आत्म समर्पण कर देना चाहिए। साथ ही, सजा के लिए भी तैयार रहना चाहिए।