1959 के एक्ट पर चल रहा नगर निगम: मेयर
जागरण संवाददाता, देहरादून: मेयर विनोद चमोली ने सरकार पर नगर निगमों के मेयर के साथ सौतेला व्यवहार करन
जागरण संवाददाता, देहरादून: मेयर विनोद चमोली ने सरकार पर नगर निगमों के मेयर के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया। मेयर ने बताया कि निकायों में पालिका व पंचायत अध्यक्ष को वित्तीय और प्रशासनिक अधिकार होते हैं, मगर नगर निगम के मेयर को यह अधिकार नहीं दिए गए। उनके मुताबिक वर्ष 1959 में नगर निगमों के लिए जो एक्ट बना था, उत्तराखंड सरकार अब भी उसी पर चल रही है। मेयर को वित्तीय अधिकार देने के लिए सरकार को एक्ट में संशोधन लाना चाहिए।
मेयर ने यह जवाब विधायक उमेश शर्मा काऊ की टिप्पणी पर शुक्रवार को दिया। गुरुवार को काऊ ने कहा था कि मेयर को न तो प्रशासनिक अधिकार हैं न ही वित्तीय। उन्होंने मेयर पर अधिकारियों के जरिए वित्तीय गड़बड़ी के आरोप लगाए थे। शुक्रवार को मेयर ने कहा कि वे पहले से 74वां संशोधन लागू कर सभी मेयरों को वित्तीय अधिकार देने की मांग कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश ने संशोधन कर दिया है, लेकिन उत्तराखंड में कांग्रेस सरकार ऐसा नहीं कर रही। उन्होंने कहा कि राज्य में छह नगर निगमों में से पांच में भाजपा सत्ता में है। इसलिए सरकार इससे बच रही है।
व्यापारी हमें क्यों कर रहे टारगेट
पॉलीथिन प्रतिबंध पर व्यापारियों की ओर से की जा रही घेराबंदी पर मेयर ने कहा कि व्यापारी नगर निगम को बेकार में टारगेट कर रहे हैं। एनजीटी ने सरकार को आदेश दिए हैं और यह व्यवस्था शासन ने बनाई है। जिला प्रशासन को जिम्मा सौंपा गया है और नगर निगम भी उसका हिस्सा है। मेयर ने कहा कि न्यायालय के आदेश हैं, इसलिए अनुपालन कराना मजबूरी है। हालांकि, मेयर ने यह कहा कि अभियान में किसी का उत्पीड़न नहीं होना चाहिए। उन्होंने जागरुकता अभियान को चलाने की सलाह दी।