मेयर बोले सीएम से मिलूंगा, मंत्री बोले देर क्यों
जागरण संवाददाता, देहरादून: मेयर विनोद चमोली की कांग्रेसी विधायकों और कैबिनेट मंत्री के साथ पिछले चार
जागरण संवाददाता, देहरादून: मेयर विनोद चमोली की कांग्रेसी विधायकों और कैबिनेट मंत्री के साथ पिछले चार दिन से चल रही जुबानी जंग रुकने का नाम नहीं ले रही। कांग्रेसी घेराबंदी को अपने लिए वरदान बताते हुए मेयर ने कहा कि 'अच्छा है मंत्री और विधायक मेरे लिए ग्राउंड तैयार कर रहे हैं। जल्द ही मैं नई व पुरानी बातों को लेकर मुख्यमंत्री से मुलाकात करूंगा।' इस पर कैबिनेट मंत्री दिनेश अग्रवाल ने चुटकी लेते हुए बयान दे दिया कि 'देर किस बात की है, जल्दी मिलो।' उधर, रायपुर विधायक उमेश शर्मा 'काऊ' ने भी लाखों रुपये के बजट की बंदरबाट पर नगर निगम के विरुद्ध शासन से जांच बैठा दी है।
शुक्रवार को मेयर चमोली ने मंत्री अग्रवाल और विधायक राजकुमार व काऊ के आरोपों का सिलसिलेवार जवाब दिया। बकौल मेयर, मंत्री अग्रवाल बोल रहे हैं कि सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट की उन्हें जानकारी ही नहीं है। यह गंभीर बात है कि उन्हें अपने विभाग व उसकी गतिविधियों की जानकारी नहीं है। यह उनकी असफलता है। रही बंदरों को पकड़ने की बात तो यह वन्यजीवों से जुड़ा मसला है। इसमें बिना वन विभाग के कुछ नहीं हो सकता। अग्रवाल ग्रामीण ही नहीं शहरी क्षेत्र के भी मंत्री हैं। अब भी समय है, सहयोग करें, हम तैयार हैं। विधायक राजकुमार के आरोपों पर वह बोले कि मलिन बस्तियों पर हाउस टैक्स पर रोक मुख्यमंत्री संग हुई बैठक में लगाई गई थी। ऐसे में उनके विधायक क्यों गलत बयानबाजी कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ही इसका समाधान कर सकते हैं। विधायक राजकुमार कहते हैं कि मेयर की संपत्ति की जांच होनी चाहिए तो मैं हर जांच के लिए तैयार हूं। सरकार उनकी है, जिस एजेंसी से चाहें जांच करा लें। कब्जों में किसका हाथ है, सच्चाई भी सामने आ जाएगी। रही मन्नूगंज नाले को ढकने की बात, यदि राजकुमार ने शासन से एनओसी ले ली है तो नगर निगम पर क्यों आरोप लगा रहे हैं। मैं जल्द ही मुख्यमंत्री से मुलाकात कर इस सब पर चर्चा करूंगा। मैंने आज उन्हें फोन किया था, वे बाहर हैं। जब भी दून लौटेंगे, विस्तृत चर्चा होगी।
वहीं, मंत्री दिनेश अग्रवाल ने कहा कि मेयर को शायद सरकार के मंत्रियों के पास मौजूद विभागों की जानकारी नहीं है। अगर पता होता तो जानते कि मेरे पास पर्यावरण मंत्रालय और सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट है ही नहीं। यदि उन्हें इस बाबत चिंता थी तो बताएं कि कितनी बार इस संबंध में हमसे बात की। रही बंदर पकड़वाने की बात तो ये भी बता दें कि वन विभाग को कितनी बार पत्र भेजा या पैरवी की। वो मुख्यमंत्री से मुलाकात की बात कर रहे हैं, मैं कहता हूं जल्दी मिलो भई, देर क्यों कर रहे हो।
गड़बड़ी को अधिकारी जिम्मेदार
मेयर ने विधायक काऊ के नगर निगम में वित्तीय गड़बड़ी के आरोपों का ठीकरा निगम अधिकारियों व सरकार के सिर पर फोड़ा। मेयर ने कहा कि विधायक ने सही कहा कि मेरे पास प्रशासनिक-वित्तीय अधिकार नहीं हैं। अगर कोई गड़बड़ी हुई है तो वह अधिकारियों ने ही की होगी और अधिकारी सरकार के अधीन आते हैं। ऐसे में सरकार भी दोषी है। वहीं, काऊ ने पलटवार किया कि नगर प्रमुख तो मेयर ही हैं। फिर क्यों अधिकारी नहीं संभाल पाए। गड़बड़ी में फंसे तो अपनी बला अधिकारी पर डाल रहे हैं।
भाजपा वाले समस्याओं में व्यस्त
कांग्रेसी विधायकों-मंत्रियों की घेराबंदी में भाजपा की चुप्पी पर मेयर ने कहा कि अभी हमारे नेता अपनी समस्याओं से जूझ रहे हैं। समय आने पर सब लामबंद होकर सरकार के विरुद्ध खड़े होंगे।