वार मेमोरियल निर्माण को केंद्र की हरी झंडी
राज्य ब्यूरो, देहरादून रक्षा मंत्रालय ने देहरादून में बन रहे शौर्य स्थल (वार मेमोरियल) की फाइल को
राज्य ब्यूरो, देहरादून
रक्षा मंत्रालय ने देहरादून में बन रहे शौर्य स्थल (वार मेमोरियल) की फाइल को मंजूरी दे दी है। रक्षा सचिव द्वारा भेजी गई फाइल पर रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने मंगलवार को हस्ताक्षर कर दिए। रक्षा मंत्री ने राज्यसभा में सासद तरुण विजय को स्वयं इस संबंध में सूचना दी, जिस पर तरुण विजय ने उनका धन्यवाद ज्ञापित किया।
देहरादून में शहीद सैनिकों की स्मृति में बनने वाले वार मेमोरियल का रास्ता अब पूरी तरह साफ हो गया है। इस संबंध में केंद्रीय रक्षा मंत्रालय को भेजी गई भूमि हस्तांतरण संबंधी फाइल को रक्षा मंत्री ने मंजूरी प्रदान कर दी है। दरअसल, प्रदेश में अभी तक सरहद की सीमाओं पर शहादत देने वालों के लिए वार मेमोरियल का निर्माण नहीं हो पाया है। उत्तराखंड गठन के बाद राज्य में आई सरकारों ने वार मेमोरियल बनाने की बात तो की लेकिन भूमि चयन न हो पाने के कारण वर्षो तक यह मसला अटका ही रहा। इस वर्ष राज्यसभा सांसद तरुण विजय के प्रयासों से प्रदेश में वार मेमोरियल बनाने की दिशा में कदम बढ़ाए गए। इसके लिए गढ़ी कैंट क्षेत्र के चीड़ बाग में वार मेमोरियल बनाने का प्रस्ताव कैंट बोर्ड द्वारा पास किया गया। निर्णय लिया गया कि इस शौर्य स्थल पर उत्तराखंड के शहीद व अलंकृत सैनिकों का नाम होगा। इसके शिलान्यास के लिए बकायदा 22 अगस्त की तिथि तय कर दी गई थी मगर भूमि हस्तांतरण का मसला अटकने के कारण यह तिथि पीछे करनी पड़ी। अब रक्षा मंत्रालय ने इसे मंजूरी प्रदान कर दी है।
वार मेमोरियल को मंजूरी मिलने पर उत्तराखंड से भाजपा के राज्यसभा सांसद तरुण विजय ने कहा कि उत्तराखंड के नागरिक और विशेषकर सैनिक केंद्रीय रक्षा मंत्री के आभारी रहेंगे। यह प्रदेश के सैनिकों की सत्रह वर्ष पुरानी माग की सफल परिणति है। उल्लेखनीय है कि सासद तरुण विजय के प्रार्थना पत्र पर मिली यह अनुमति सासद निधि एवं सशस्त्र सेनाओं के लिए युद्ध स्मारकों के इतिहास में प्रथम उदाहरण है। सांसद तरुण विजय ने बताया कि अब रक्षा मंत्री की तारीख तय होना बाकी है। संभवतया संसद के शीत कालीन सत्र के बाद रक्षा मंत्री इसका शिलान्यास करने देहरादून आएंगे।