Move to Jagran APP

पढ़ाई के साथ सीख रहे स्वरोजगार के गुर

संवाद सहयोगी, विकासनगर: विकासनगर संकुल के पंद्रह स्कूलों के एक हजार से भी ज्यादा छात्र-छात्राएं इन द

By Edited By: Published: Mon, 30 Nov 2015 01:00 AM (IST)Updated: Mon, 30 Nov 2015 01:00 AM (IST)
पढ़ाई के साथ सीख रहे स्वरोजगार के गुर

संवाद सहयोगी, विकासनगर: विकासनगर संकुल के पंद्रह स्कूलों के एक हजार से भी ज्यादा छात्र-छात्राएं इन दिनों किताबी ज्ञान के साथ ही व्यवसायिक गुर भी सीख रहे हैं। स्कूलों में सर्व शिक्षा अभियान की ओर से चलाए जा रहे व्यवसायिक पाठ्यक्रम में छात्र-छात्राएं विभिन्न उत्पादों का निर्माण कर जहां स्वरोजगार के लिए तैयार किए जा रहे हैं तो वहीं इन उत्पादों को तैयार करने में वे अपनी रचनात्मकता भी दिखा रहे हैं।

loksabha election banner

इन दिनों संकुल के पंद्रह स्कूलों की फिजा कुछ बदली सी नजर आ रही है। दस प्राइमरी स्कूलों में मध्यांतर के बाद तीसरी से लेकर पांचवी तक के छात्र मिट्टी से खिलौने, बर्तन, गमले, स्लेट तैयार करने में जुटे हैं। मिट्टी से सने नौनिहाल खुलकर अपनी रचनात्मकता दर्शा रहे हैं। बीते दिनों तक पूरे दिनभर क ख ग की रट के बजाए दोपहर बाद मिट्टी के साथ अभिनव प्रयोग बच्चों को भी जंच रहा है। तो वहीं, 1 जूनियर हाईस्कूल और दो इंटर कॉलेज में छठवीं से आठवीं तक के छात्र-छात्राएं आखिरी वादन में स्थानीय जंगली उत्पादों पर आधारित कुटीर उद्योगों से संबंधित प्रशिक्षण दिया जा रहा है। छात्र इन जंगली उत्पादों से टोकरी, कंडी, लकड़ी के बर्तन, पुराने कपड़ों से दरी चादर, आकर्षक नक्काशी, शोभादार वस्तुएं, साबुन, अगरबत्ती, मोमबत्ती बनाने के गुर सीख रहे हैं। इन छात्रों को पर्यटक गाइड के गुर भी सीखाए जा रहे हैं जिससे आने वाले समय में पर्यटक गाइड के तौर पर भी रोजगार अर्जित किया जा सके। संकुल के पंद्रह स्कूलों में कक्षा तीन से लेकर दसवीं तक के 1030 छात्र-छात्राएं इन दिनों पढ़ाई के साथ ही स्कूल में रचनात्मकता के साथ ही स्वरोजगार के गुर भी सीख रहे हैं। सर्व शिक्षा अभियान के तहत रचनात्मकता पाठ्यक्रम के तहत इन स्कूली छात्रों को विभिन्न उत्पादों के निर्माण के गुर सीखाए जा रहे हैं। मॉडल के तौर पर विकासनगर संकुल में शुरू किया गया यह अभिनव प्रयोग सफल होता दिख रहा है तो शिक्षा विभाग दिसंबर से इसे पूरे ब्लॉक में लागू करने की योजना बना रहा है। जिससे पढ़ाई के साथ ही छात्रों को अपनी रचनात्मकता दिखाने का पूरा मौका तो मिल तो रहा ही साथ ही माध्यमिक शिक्षा पाने के बाद स्वरोजगार के लिए भी छात्रों को मदद मिलेगी।

संकुल में प्रयोग सफल रहने के बाद अब ब्लॉक के सभी स्कूलों में इसे लागू किया जाएगा, यह छात्रों में रचनात्मकता पैदा करने में मददगार साबित होगा, हालांकि स्वरोजगार के तौर पर माध्यमिक स्तर के छात्र इसका उपयोग करें तो यह ठीक है। लेकिन, विभाग की ओर से छात्रों में रचनात्मकता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ही यह प्रयोग किया जा रहा है।

पंकज शर्मा, उप जिलाशिक्षाधिकारी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.