आज हो सकते हैं पीड़िता के मजिस्ट्रेटी बयान
जागरण संवाददाता, देहरादून: नारी निकेतन में मूक-बधिर दुष्कर्म पीड़िता के मजिस्ट्रेटी बयानों के लिए न्य
जागरण संवाददाता, देहरादून: नारी निकेतन में मूक-बधिर दुष्कर्म पीड़िता के मजिस्ट्रेटी बयानों के लिए न्यायालय ने अनुमति दे दी। बयान सांकेतिक भाषा विशेषज्ञ की मौजूदगी में दर्ज होंगे। रविवार को मजिस्ट्रेट दून महिला अस्पताल जाकर बयान दर्ज कर सकते हैं। इस बीच, पुलिस ने वैज्ञानिक साक्ष्य जुटाने के लिए भी न्यायालय में प्रार्थना-पत्र दिया, जिसे न्यायालय ने मंजूर कर लिया।
शुक्रवार को इस मामले में मुकदमा दर्ज होने के बाद मूक-बधिर महिला के मजिस्ट्रेटी बयान कराने की चुनौती सामने आई थी। विधिक राय के बाद तय किया गया कि मूक-बधिर के बयान सांकेतिक भाषा विशेषज्ञ की सहायता से दर्ज किए जाएंगे। इसके लिए शनिवार को पुलिस ने पहले जिला न्यायालय से अनुमति ली और फिर न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम सिमरनजीत कौर की अदालत में पीड़िता के मजिस्ट्रेटी के प्रार्थना-पत्र दिया। शाम करीब छह बजे न्यायालय ने अनुमति देते हुए बयानों के लिए रविवार का दिन नियत किया। एसपी सिटी अजय सिंह ने बताया कि इसके लिए सांकेतिक भाषा विशेषज्ञ को बुला लिया गया है।
संदिग्धों के डीएनए टेस्ट की भी मिली अनुमति
पुलिस के लिए आरोपी को तलाशना चुनौती से कम नहीं। हालांकि, पुलिस ने चार लोगों पर शक जताते हुए इन्हें रडार पर ले रखा है। इन चारों आरोपियों के डीएनए सैंपल का कथित भ्रूण से मिलान कराने के लिए न्यायालय में प्रार्थना-पत्र दिया। न्यायालय ने इसकी अनुमति दे दी है।
तीन ने मिलकर मिटाए थे साक्ष्य
16 नवंबर को महिला के गर्भपात के बाद साक्ष्य मिटाने तीन कर्मचारियों को सुबूत ठिकाने लगाने की जिम्मेदारी दी गई थी। हालांकि, दूधली से मिला कथित भ्रूण पीड़िता का ही यह तो जांच के बाद ही पता चल सकेगा।