स्वस्थ और सुरक्षित परिसर बनाएगा सीबीएसई
जागरण संवाददाता, देहरादून: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद (सीबीएसई) से संबद्ध स्कूलों में अब छात्र-छ
जागरण संवाददाता, देहरादून: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद (सीबीएसई) से संबद्ध स्कूलों में अब छात्र-छात्राओं के साथ शिक्षकों की भी प्राथमिक चिकित्सा और बेसिक एमरजेंसी केयर की कक्षाएं चलेंगी। इसके लिए सीबीएसई की ओर से आदेश हो चुके हैं। जिसके अनुसार सीबीएसई के संबद्धता मानकों के अनुसार स्कूलों को स्वास्थ्य और शारीरिक शिक्षा के शिक्षक की तैनाती करनी होगी, यही शिक्षक फर्स्ट एड के साथ एमरजेंसी केयर के प्रशिक्षण का जिम्मा भी संभालेगा।
सीबीएसई के संयुक्त सचिव एकेडमिक्स एंड ट्रेनिंग डीटी सुदर्शन राव ने 24 नवंबर को स्कूलों को जारी एक पत्र में कहा है कि बोर्ड स्कूलों में छात्रों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को लेकर हमेशा गंभीर रहा है। इसी कड़ी में छात्रों और शिक्षकों को सशक्त करने के लिए फर्स्ट एड और बेसिक एमरजेंसी केयर का प्रशिक्षण अनिवार्य रूप से दिए जाना है। फर्स्ट एड और बेसिक एमरजेंसी केयर पहले से आपदा प्रबंधन के तहत पाठ्यक्रम का हिस्सा है, साथ ही यह टॉपिक परीक्षा स्कीम में आठ सह-शिक्षा गतिविधियों में शामिल है। इसका उद्देश्य मामूली चोट या बीमारी की स्थिति में इलाज देना और बड़े हादसों में स्थिति को नियंत्रित करने की दक्षता विकसित करना है। इसके साथ ही पत्र में स्कूलों को कई बिंदुओं पर निर्देश भी जारी किए गए हैं। सीबीएसई के क्षेत्रीय अधिकारी देहरादून मनोज श्रीवास्तव का कहना है कि स्कूलों को छात्रों के लिए ज्यादा सुरक्षित और बेहतर बनाने में यह काफी महत्वपूर्ण होगा।
इनका करना होगा पालन
-स्कूल छात्रों को ऐसा माहौल दें, जहां वे भावनात्मक और शारीरिक रूप से खुद को सुरक्षित और सहज महसूस करें।
-यह सुनिश्चित करें की हेल्थ एंड वेलनेस मैन्यूल के तहत फर्स्ट एड देने की व्यवस्था की गई है और सीसीए में इसको शामिल किया गया है।
-जोखिम भरी स्थितियों और गतिविधियों से पहले फर्स्ट एड की व्यवस्था सुनिश्चित रखें।
-स्कूल परिसर और छात्रों के साथ फर्स्ट एड के लिए जरूरी उपकरण और संसाधन सुनिश्चित करें।
-शिक्षकों के अलावा अन्य कार्मिकों को भी फर्स्ट एड प्रशिक्षण लेने के लिए प्रेरित करें।
-स्कूल की वार्षिक फर्स्ट एड जरूरतों की समीक्षा करें और स्कूल के सभी मुख्य हिस्सों में एक-एक फर्स्ट एड बॉक्स रखें।
-स्कूल में लंच टाइम और ब्रेक के समय फर्स्ट एड की विशेष व्यवस्था रखें और फिजिकल एजुकेशन शिक्षक के अवकाश पर होने की स्थिति में वैकल्पिक व्यवस्था रखी जाए।
-फर्स्ट बॉक्स की समय-समय पर जांच करने और जरूरी सामग्री पूरी रखने के लिए एक शिक्षक की तैनाती की जाए। साथ ही एक्सपायर दवाओं को समय रहते बदला जाए।
-विशेष स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं वाले बच्चों की एक सूची तैयार की जाए ताकि किसी भी स्थिति में उन्हें चिकित्सीय सुविधा दी जा सके।
-साथ ही प्रयोगशालाओं में जरूरत के अनुसार ही रसायन प्रदान किए जाएं।