मनीष हत्याकांड में छह को उम्रकैद
जागरण संवाददाता, ऋषिकेश: ऋषिकेश के चर्चित मनीष हत्याकांड में प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायालय ने एक
जागरण संवाददाता, ऋषिकेश: ऋषिकेश के चर्चित मनीष हत्याकांड में प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायालय ने एक ही परिवार के पांच सदस्यों समेत छह को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। छठा अभियुक्त उन्हीं के मकान में किरायेदार था। अदालत ने अभियुक्तों पर 70 हजार रुपए जुर्माना भी ठोका है।
पांच वर्ष पूर्व 15 अप्रैल, 2010 का मामला ऋषिकेश कोतवाली के शांति नगर में 3500 रुपये के लेनदेन को लेकर हुआ था। विवाद में एक पक्ष के कुछ लोगों ने पड़ोसी मां व बेटे पर धारदार हथियार से हमला कर दिया था। जिसमें युवक मनीष को गंभीर चोटें आई थी। उसे हायर सेंटर के लिए रेफर कर दिया गया था। मनीष की एक सप्ताह बाद 22 अप्रैल को हिमालयन हास्पिटल जौलीग्रांट में मौत हो गई थी। परिजनों की तरफ से छह लोगों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया गया था। मामले की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायालय में चल रही थी। शुक्रवार को दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायाधीश एसएमडी दानिश ने सभी आरोपियों ओमवती उसके पुत्र महिपाल उर्फ बड़ा व जोनी, पुत्रवधू संगीता, दामाद अंकुर चौधरी व किराएदार मौसम अली को दोषी करार दिया था। उसी दिन से अभियुक्त हिरासत में थे। शनिवार को खचाखच भरे न्यायालय में अभियुक्तों को सजा सुनाई गई। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने अभियुक्त अंकुर चौधरी, महिपाल, जोनी, ओमवती, संगीता व मौसम अली को आइपीसी की धारा 302 के तहत आजीवन कारावास व दस-दस हजार रुपए अर्थदंड, धारा 324 व 148 में तीन-तीन वर्ष के कारावास की सजा सुनाई। महिपाल उर्फ बड़ा को 25 शस्त्र अधिनियम में तीन वर्ष की सजा व दस हजार रुपए अतिरिक्त अर्थदंड की सजा सुनाई गई। शासकीय अधिवक्ता राजेश पैन्यूली ने बताया कि सभी सजाएं एक साथ चलेंगी। अर्थदंड न चुकाने पर एक-एक माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना पड़ेगा।
मुझे न्यायालय पर पूरा भरोसा था। मैं न्यायालय के फैसले से संतुष्ट हूं। किसी की जिंदगी छीन लेना सबसे बड़ा अपराध है। इस तरह के फैसले समाज में एक अच्छा संदेश देंगे।
रामरती, मृतक मनीष की मां