दलित नेताओं का शाम तक का अल्टीमेटम
जागरण संवाददाता, देहरादून: जौनसार बावर के गबेला गांव में कुकर्शी देवता मंदिर में दलितों को प्रवेश से
जागरण संवाददाता, देहरादून: जौनसार बावर के गबेला गांव में कुकर्शी देवता मंदिर में दलितों को प्रवेश से रोकने के मसले पर उठ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। देहरादून में दलित दर्शनार्थी दूसरे दिन भी भूख हड़ताल पर बैठे रहे। दलित नेता दौलत कुंवर ने प्रशासन को अल्टीमेटम दिया कि यदि शनिवार शाम पांच बजे तक उन्हें मंदिर में विधिवत दर्शन न कराए गए तो स्थानीय दलित धर्म परिवर्तन कर लेंगे। उन्होंने प्रकरण की निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए कहा कि एसडीएम चकराता को हटाया जाए। दूसरी ओर पांच गांवों के लोगों ने गबेला में महापंचायत कर दलित नेताओं पर सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मंदिर में किसी भी जाति के लिए दर्शन करने पर पाबंदी नहीं है। दौलत कुंवर राजनीतिक लाभ के लिए भ्रम फैला रहे हैं।
शुक्रवार को आराधना ग्रामीण विकास समिति के पदाधिकारियों और दलित समाज के लोगों ने धरना स्थल पर बैठक की। बैठक में चर्चा की गई कि यदि मांग पूरी नहीं हुई तो कौन सा धर्म अपनाया जाएगा। हालांकि, बैठक में क्या तय हुआ इसका खुलासा नहीं किया गया, लेकिन बताया गया कि इस्लाम, बौद्ध और ईसाई धर्म में से कोई एक धर्म अपनाने पर विचार किया। कुंवर ने दावा किया है कि हजारों दलित धर्म परिवर्तन करेंगे।
दोपहर करीब ढाई बजे सिटी मजिस्ट्रेट ललित नारायण मिश्र धरना स्थल पहुंचे और उन्होंने दलित नेताओं से बातचीत की। सिटी मजिस्ट्रेट ललित नारायण मिश्र ने बताया कि भूख हड़ताल पर बैठे लोगों मांगों को लिखित में देने का कहा गया है। इन मांगों को आला अधिकारियों को भेजा जा जाएगा। दूसरी ओर दौलत कुंवर ने आरोप लगाया कि पूरे प्रकरण में सरकार और प्रशासन संजीदा नजर नहीं आ रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि शासन -प्रशासन की ओर से मंदिर में प्रवेश कराने के बजाय पीड़ितों को ही तंग किया जा रहा है। पहले मंदिर के अहाते से उन्हें जबरन उठाया, मारपीट और गाली गलौच की गई। इतना ही नहीं, देहरादून में भी उन्हें गांधी पार्क से परेड ग्राउंड खदेड़ दिया गया। भूख हड़ताल पर बैठने वालों में दौलत कुंवर के साथ समिति की अध्यक्ष सरस्वती कुंवर, पूनम भारती, श्याम सिंह, केशर सिंह, बारू निराला, राकेश कुमार शामिल हैं।
गौरतलब है कि सोमवार को आराधना ग्रामीण विकास केंद्र समिति के नेतृत्व में परिवर्तन यात्रा गबेला गांव के कुकुर्शी देवता मंदिर पहुंची थी। दो दिन चली तनातनी के बाद बुधवार को दलित नेता भूख हड़ताल पर बैठे तो देर रात प्रशासन ने उन्हें गिरफ्तार कर निजी मुचलके पर छोड़ा।
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मीडिया की मौजूदगी में करेंगे दर्शन
दलित नेताओं ने प्रशासन से कहा कि वे मीडिया की मौजूदगी में ही दर्शन करेंगे और मांग की कि पूरे घटनाक्रम की वीडियाग्राफी करायी जाए। साथ ही जिस तरह प्रशासन गाड़ियों में भरकर उन्हें यहां तक लाया है, उसी तरह मंदिर में ले जाएं।