सियासी दावपेंच में उलझा स्टिंग प्रकरण
राज्य ब्यूरो, देहरादून: मुख्यमंत्री के तत्कालीन सचिव मोहम्मद शाहिद के चर्चित स्टिंग आपरेशन की जांच फ
राज्य ब्यूरो, देहरादून: मुख्यमंत्री के तत्कालीन सचिव मोहम्मद शाहिद के चर्चित स्टिंग आपरेशन की जांच फिलवक्त सियासी दावं पेंच में उलझ कर रह गई है। मूल सीडी को लेकर सत्तासीन कांग्रेस और विपक्ष भाजपा एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रही हैं। सरकार जहां मूल सीडी मिलने तक मामले की जांच आगे बढ़ाने में असमर्थता जता रही है वहीं भाजपा मूल सीडी अपने पास होने का दावा करते हुए इसे उच्च स्तरीय जांच होने की सूरत में ही जांच एजेंसियों को सीडी सौंपने की बात कर रही है। हालांकि, इसका फायदा सरकार को ही मिलता नजर आ रहा है।
मुख्यमंत्री के सचिव व आबकारी सचिव का दायित्व देख रहे आइएएस अधिकारी मोहम्मद शाहिद का स्टिंग आपरेशन इस समय सूबे की सियासत का केंद्र बना हुआ है। हालांकि, इसमें अब आरोप प्रत्यारोप की राजनीति हावी होती नजर आ रही है। भाजपा ने शुरुआती दौर में हमलावर रुख दिखाते हुए मामले की सीबीआई जांच के अलावा मुख्यमंत्री हरीश रावत से इस्तीफा देने की मांग की। यहां तक कि मामला देश की राजधानी दिल्ली तक में गूंजा। मामला तूल पकड़ता देख सरकार को मो. शाहिद से आबकारी व सचिव मुख्यमंत्री जैसे अहम दायित्व वापस लेने और मामले की जांच प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री ओमप्रकाश को सौंपने का निर्णय लेना पड़ा। इस बीच केंद्र ने मोहम्मद शाहिद की प्रतिनियुक्ति रद करते हुए वापस केंद्र बुला लिया। इसके बाद से ही यह जांच आगे नहीं बढ़ पा रही है। प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री बिना मूल सीडी के जांच करने में असमर्थता जता चुके हैं। सरकार भी मूल सीडी मिलने तक जांच से कन्नी काट रही है। पुलिस ने भी मूल सीडी के लिए विज्ञापन जारी कर अपने कार्य की इतिश्री कर ली। मूल सीडी अभी तक पुलिस की पहुंच से दूर है। वहीं, भाजपा अब मूल सीडी अपने पास होने का दावा कर रही है लेकिन उच्च स्तरीय जांच तक इस सीडी को अपने पास ही बनाए हुए है। ऐसे में अब इस स्टिंग का सच जानने को आमजन की रुचि धीरे-धीरे घटती जा रही है। यह प्रकरण अब सच्चाई को उजागर करने की बजाए कांग्रेस व भाजपा के बीच एक राजनीतिक मुद्दा बन कर रह गया है।