राहुल इंपेक्ट में सीएम को खरी-खरी!
राज्य ब्यूरो, देहरादून कांग्रेस सरकार भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों को लेकर कोई भी स्टैंड ले, लेकिन पा
राज्य ब्यूरो, देहरादून
कांग्रेस सरकार भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों को लेकर कोई भी स्टैंड ले, लेकिन पार्टी उनका बचाव करने के मूड में कतई नहीं है। इसे पार्टी पर राहुल इफेक्ट के रूप में देखा जा रहा है। कमोबेश इसी तर्ज पर मुख्यमंत्री के सचिव के स्टिंग आपरेशन प्रकरण में भाजपा के खिलाफ एफआइआर दर्ज नहीं होने को ठीक नहीं मानते हुए कांग्रेस ने नुकसान का अंदेशा भी जता दिया है। प्रदेश संगठन ने आपदा, सीडी, खनन को लेकर विपक्ष के आरोपों पर सरकार के बचाव की रणनीति को सही नहीं माना है। फिलहाल संगठन के इस रुख ने मुख्यमंत्री हरीश रावत और सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।
प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर भ्रष्टाचार को लेकर पार्टी रियायत बरतने के मूड में नहीं है। शराब की बिक्री मामले से जुड़े स्टिंग प्रकरण पर भी प्रदेश संगठन ने राहुल की रणनीति के तहत अपनी ही सरकार को निशाने पर लेने से गुरेज नहीं किया। दरअसल, प्रदेश कांग्रेस कमेटी काफी पहले ही यह ऐलान कर चुकी थी कि स्टिंग आपरेशन की सीडी बनाने में भाजपा की संलिप्तता को मुद्दा बनाकर रिपोर्ट दर्ज कराई जाएगी। तय तारीख को एक दिन आगे खिसकाने के बाद प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने इस मामले में एकाएक पलटी मारते हुए भाजपा के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने से परहेज किया और सिर्फ ज्ञापन सौंपकर इतिश्री कर दी। बताया जाता है कि ऐन वक्त पर मुख्यमंत्री हरीश रावत के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को भेजे गए पत्र ने पार्टी को यह कदम उठाने को मजबूर किया।
इससे खफा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने भी मुख्यमंत्री हरीश रावत को पत्र लिखकर अपनी नाराजगी जाहिर कर दी। पत्र में किशोर उपाध्याय ने कहा कि आपदा, सीडी, खनन आदि विपक्ष के आरोपों का कांग्रेस एवं सरकार को सटीक जवाब देना 2017 के विधानसभा चुनावों के आलोक में अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने यह भी कहा कि हर राजनैतिक दल की काम करने की अपनी शैली होती है और प्रदेश में हमारा प्रमुख विपक्ष 'जोसेफ गोएबल्स थ्येरी' पर विश्वास करता है। केंद्र एवं विभिन्न राज्यों में कांग्रेस इसका शिकार भी हुई है। जिसका कांग्रेस को अत्यधिक नुकसान उठाना पड़ा है।
कोतवाली जाकर एफआइआर दर्ज कराने के निर्णय पर अडिग नहीं रहने के कारण उन्हें और कांग्रेस को किंचित नुकसान तो होगा ही। मतदाता एवं जनता के सामने कांग्रेस एवं सरकार की छवि पर असर न पड़े, हमें इसका रास्ता निकालना है। न्याय होना ही नहीं, न्याय होते हुए दिखना भी चाहिए। लिहाजा सीडी प्रकरण पर यथाशीघ्र न्यायिक जांच बिठाई जाए। इसमें जांच अधिकारी को इस प्रकरण में संलिप्त किसी भी व्यक्ति को तलब करने का अधिकार होना चाहिए। प्रदेश अध्यक्ष के खरी-खरी सुनाने के अंदाज में लिखे गए पत्र को पार्टी पर राहुल के प्रभाव के रूप में देखा जा रहा है।