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4200 ग्रेड वेतन पर अभी बाकी है रार

राज्य ब्यूरो, देहरादून सातवां वेतन आयोग को लेकर कर्मचारियों की दिल की धड़कनें भले ही बढ़ी हों, लेकि

By Edited By: Published: Fri, 28 Aug 2015 01:00 AM (IST)Updated: Fri, 28 Aug 2015 01:00 AM (IST)
4200 ग्रेड वेतन पर अभी बाकी है रार

राज्य ब्यूरो, देहरादून

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सातवां वेतन आयोग को लेकर कर्मचारियों की दिल की धड़कनें भले ही बढ़ी हों, लेकिन सरकार को छठे वेतनमान की विसंगतियों को सुलझाने में ही अभी ताकत झोंकनी पड़ रही हैं। सुपरवाइजर श्रेणी के कर्मचारियों का ग्रेड वेतन 2800 से बढ़ाकर 4200 किए जाने के मुद्दे को सुलझाने को सरकार को वित्त की आपत्ति को दरकिनार करना होगा। ऐसा हुआ तो सरकारी खजाने पर सालाना तकरीबन 50 करोड़ का बोझ पड़ना तय है। फिलहाल इस मामले में कर्मचारियों की नजरें भी एक सितंबर को राजस्व मंत्री यशपाल आर्य की अध्यक्षता में गठित उच्चाधिकारप्राप्त समिति पर टिकी हैं।

दरअसल, मिनिस्टीरियल कर्मचारियों का ढांचा पुनर्गठित होने के बाद उनकी वेतन विसंगति का मुद्दा सुलझ गया है। लेकिन मिनिस्टीरियल कर्मचारियों के लिए तय किए गए उच्च ग्रेड वेतन ने राज्य कर्मचारियों की उम्मीदें बढ़ा दी हैं। सुपरवाइजर श्रेणी के पदों पर कार्यरत कर्मचारियों को अभी ग्रेड वेतन 2800 मिल रहा है। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद वाणिज्य कर, गन्ना पर्यवेक्षक, ग्राम पंचायत अधिकारी, अर्थ एवं संख्या विभाग, दुग्ध पर्यवेक्षक, मंडी निरीक्षक, ग्राम विकास अधिकारी, सिंचाई विभाग के वैज्ञानिक सेवा संवर्ग, ग्राम्य विकास, जिला पंचायत, कृषि, उद्यान, पशुपालन, सहकारिता, स्वास्थ्य विभाग के लैब टैक्नीशियन, महिला सशक्तीकरण एवं विकास, युवा कल्याण, लेखा संवर्ग, मातृ शिशु, महिला कल्याण, मत्स्य, राजस्व, सींच परिवेक्षक, लोक निर्माण, मनोरंजन कर, आबकारी, श्रम, उद्योग, रेशम, दुग्ध विकास, शिक्षणेत्तर कर्मचारियों, वन, परिवहन एवं अन्य महकमों के वर्ग-दो के कर्मचारियों का ग्रेड वेतन 2800 के स्थान पर 4200 किए जाने की मांग कर रहा है। इसे लेकर दो साल पहले भी परिषद और सरकार के बीच जोर-आजमाइश के बाद समझौता हुआ था, लेकिन तब वित्त महकमे ने ग्रेड वेतन में इजाफा करने से हाथ खड़े कर दिए थे। महकमे का तर्क है कि उक्त ग्रेड वेतन बढ़ाने से वेतनमानों का मौजूदा ढांचा हिलना तय है। इसके बाद अन्य कई संवर्गो और महकमों के कर्मचारियों के ग्रेड वेतन में भी इजाफा करना होगा। परिषद के मुताबिक उक्त ग्रेड वेतन बढ़ा तो तकरीबन आठ हजार कर्मचारियों को लाभ मिलेगा। साथ में सालाना 50 करोड़ वित्तीय भार सरकार पर बढ़ेगा। हालांकि, इसके बाद अन्य संवर्गो की ओर से ग्रेड वेतन में इजाफा करने का दबाव बढ़ने का अंदेशा भी है।

राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष ठा प्रहलाद सिंह एवं प्रवक्ता अरुण पांडेय के मुताबिक सरकार एक बार समझौता कर चुकी है। उसका पालन होना चाहिए। उनका कहना है कि अब एक सितंबर को मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक में समस्या के समाधान की उम्मीद है। उधर, मुख्य सचिव राकेश शर्मा का कहना है कि कर्मचारियों की वेतन विसंगति के मसले को दूर करने की हर मुमकिन कोशिश की जा रही है। वार्ता के जरिए समाधान की राह तलाश की जाएगी।


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