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किसान, सैनिक और महिलाओं पर बरसी मेहर

जागरण संवाददाता, रुड़की: राज्य के किसी गांव में हुई पहली कैबिनेट बैठक में किसानों और महिलाओं को कई

By Edited By: Published: Fri, 31 Jul 2015 01:04 AM (IST)Updated: Fri, 31 Jul 2015 01:04 AM (IST)
किसान, सैनिक और महिलाओं पर बरसी मेहर

जागरण संवाददाता, रुड़की:

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राज्य के किसी गांव में हुई पहली कैबिनेट बैठक में किसानों और महिलाओं को कई सौगात से नवाजा गया। मंत्रिमंडल ने पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के सपने को पूरा करने के लिए नगरीय क्षेत्रों की भांति ग्रामीण क्षेत्रों को विकसित करने का फैसला लिया तो सैनिकों के वन रैंक, वन पेंशन पर केंद्र सरकार का फैसला राज्य में तुरंत लागू करने पर सहमति दी गई। यह तय किया गया कि पैरा मिलिट्री फोर्स को भी राज्य सरकार वन रैंक, वन पेंशन का लाभ देगी। किसानों को फसलों के नुकसान से उबरने के लिए 100 करोड़ की अतिरिक्त मदद पर मुहर लगी तो गन्ना किसानों को बकाया भुगतान के लिए 32 करोड़ मंजूर किए गए। आपदा प्रभावित पर्वतीय 341 और मैदानी 11 गांवों को आपदा से सुरक्षित करने का इरादा जताया गया। कैबिनेट ने अहम फैसले में पूर्व मुख्यमंत्रियों को उत्तरप्रदेश की वर्ष 1997 की नियमावली के मुताबिक सुविधाएं देने का फैसला लिया। पूर्व मंत्रियों-राज्य मंत्रियों को भी राज्य गठन से पहले अनुमन्य सुविधाएं दी जाएंगी। राज्य आंदोलनकारियों को 10 फीसद आरक्षण देने के लिए बिल लाने को मंजूरी दी गई।

जय जवान जय किसान के नारे को फलीभूत करते चुड़ियाला के सीएमडी इंटर कॉलेज में गुरुवार को करीब चार घंटे चली कैबिनेट की बैठक में किसान, सैनिक और महिला वर्ग के अलावा आपदा, पर्यटन विकास समेत 50 से अधिक बिंदुओं पर चर्चा हुई। कैबिनेट ने तय किया कि गन्ना भुगतान को 34 करोड़ की धनराशि में 14 करोड़ सरकारी और शेष निजी मिलों को दी जाएगी। तराई हिल विकास निगम को भी 10 करोड़ देने की घोषणा बैठक में की गई। गांवों में नगरीय सुविधा मुहैया कराने को मिसाइलमैन पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की प्रोग्राम फॉर अर्बन एमिनिटीज इन रूरल एरिया यानि पुरा संकल्पना को प्रदेश में लागू करने का भी निर्णय लिया गया।

सैनिक वर्ग के लिये वन रैंक वन पेंशन तो क्षैतिज आरक्षण मुद्दे पर कैबिनेट ने 10 फीसद क्षैतिज आरक्षण को बिल लाने का निर्णय लिया। पूर्व मुख्यमंत्रियों की वर्तमान सुविधाओं में कटौती कर उन्हें उत्तरप्रदेश की 1997 की नियमावली के तहत ही सुविधाएं मुहैया कराने का निर्णय लिया गया। महिलाओं के लिये कैबिनेट में महिला कोष स्थापित करने और सिप कैपिटल के रूप में पांच करोड़ कोष में देने, पीआरडी में प्रतिभा के अनुरूप महिलाओं के लिये दस फीसद आरक्षण, रक्षा बंधन पर भाइयों को उपहार स्वरूप बहनों को पौधे देने के प्रस्ताव मंजूर किए गए। विधवाओं को आत्मनिर्भर बनाने को जन्माष्टमी पर 500 गाय वितरित करने का भी कैबिनेट के फैसलों में अहम फैसला रहा। सिडकुल क्षेत्रों के नजदीकी गांवों में पेश आ रही समस्याओं के निराकरण को बजट की व्यवस्था की जाएगी। देहरादून में सस्ता भोजन देने के लिए इंद्रमा योजना के लिए घंटाघर कांप्लेक्स पर भोजनालय खोलने, तकरीबन 2000 करोड़ की राजस्व आमदनी बढ़ाने के लिए खनन, आबकारी, वाहनों की एंट्री टैक्स, बिल्डरों से जलकर जैसे चिन्हित क्षेत्रों में आय बढ़ाने पर सहमति दी गई।

चार धाम यात्रा की सुविधाओं को बेहतर बनाने के साथ ही यात्रा सीजन में 11 लाख श्रद्धालुओं का लक्ष्य रखा गया है। कालसी और नैनबाग में उपकोषागार खोलने और रामनगर को बी-टू शहर का दर्जा देने का फैसला लिया गया।


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