बच्चों की यादों में रहेंगे काका कलाम
सुकांत ममगाईं, देहरादून आत्मविश्वास से भरी आवाज, आंखों में चमक और किसी का भी दिल जीत लेने वाली मु
सुकांत ममगाईं, देहरादून
आत्मविश्वास से भरी आवाज, आंखों में चमक और किसी का भी दिल जीत लेने वाली मुस्कान। काका कलाम को जितनी उत्सुकता से बच्चे सुनते थे उतनी ही तल्लीनता से बड़े भी। अभी तीन माह पूर्व ही वह शेमफॉर्ड स्कूल के कार्यक्रम में दून आए थे। हैलो फ्रैंड्स! कहकर बच्चों से मुखातिब हुए और कुछ ही देर में उन्हें जिंदगी का फलसफा समझा दिया।
वह अभूतपूर्व क्षण था। कलाम का बच्चों से पहला सवाल था-''आप में कितने लोग उड़ना चाहते हैं?''अधिकतर बच्चों के हाथ खड़े थे। कलाम ने कहा मैं तुम्हे उड़ने का मंत्र दूंगा। सामर्थ्य,अच्छाई, सृजनशीलता, महत्वकांक्षा,बड़प्पन व आत्मविश्वास के माध्यम से यह मुमकिन है। देश-दुनिया के वैज्ञानिकों वैज्ञानिकों का उदाहरण देते कहा कि वह उनकी कल्पना ही थी, जिसे आज हम साकार रूप में देख रहे हैं। उसके कभी नजदीक भी मत जाना जिसे चीजें नामुमकिन दिखाई देती हैं। क्योंकि नामुमकिन कुछ भी नहीं। इतना ही नहीं वह आर्मी बैंड के भी एक-एक सदस्य से रूबरू हुए।
ऐसा ही कुछ नजारा पांच वर्ष पूर्व हैरिटेज स्कूल का था। यहां भी वह बच्चों से बतियाने में इस कदर मशगूल थे कि समय का पता ही नहीं चला। उनके हरेक सवाल का सहज भाव से जवाब दिया। उनमें न सिर्फ सृजनात्मक सोच का संचार किया, बल्कि जोश भी भरा। प्रख्यात गायक मोहित चौहान ने उनकी कविताओं को सुर दिया तो चेहरे पर मुस्कान थी। वही मुस्कान वह हमारे जहन में छोड़ गए हैं।
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अखरता था 'रॉकेट मैन' कहलाना
काका कलाम को रॉकेट मैन कहलाना भी अखरता था। ये बाद उन्होंने बच्चों से शेयर की। बच्चे ने पूछा, आपको रॉकेट मैन क्यों कहते हैं। जवाब मिला, रॉकेट टेक्नोलॉजी से जुड़ा रहा, शायद इसलिए। कुछ रॉकेट मैन कहते हैं, कुछ मिसाइल मैन। ये उनकी समस्या है, मेरी नहीं।