सीएम के कार्यक्रम में हंगामा व अव्यवस्था
राज्य ब्यूरो, देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत की पार्टी कार्यकर्ताओं से भेंटवार्ता व जनसुनवाई में अव
राज्य ब्यूरो, देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत की पार्टी कार्यकर्ताओं से भेंटवार्ता व जनसुनवाई में अव्यवस्थाएं हावी रही, तो हंगामा भी खूब बरपा। दोनों अलग-अलग कार्यक्रमों में घालमेल का नतीजा यह हुआ कि कार्यकर्ता भेंटवार्ता में ही विभिन्न क्षेत्रों से आए आम फरियादी भी समस्याओं का पुलिंदा खोलने लगे। फरियादियों के हुजूम व आक्रोश के मद्देनजर पार्टी कार्यकर्ताओं से भेंटवार्ता का कार्यक्रम आनन फानन ही समेटना पड़ा। इस दौरान बुजुर्ग फरियादी से कांग्रेस कार्यकर्ताओं की धक्कामुक्की भी हुई, तो एक महिला ने वरिष्ठ अफसर पर उसे धमकाने का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा काटा। स्थिति संभालने की कोशिश में जुटे मुख्यमंत्री व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भी कई बार आपा खोते दिखाई दिए।
मंगलवार को मुख्यमंत्री हरीश रावत को दोपहर एक से अपराह्न तीन बजे तक पार्टी कार्यकर्ताओं से भेंटवार्ता करनी थी, जबकि इसके ठीक बाद शाम पांच बजे तक आम जनता की समस्याओं पर सुनवाई की जानी थी। भेंटवार्ता शुरू हुई, तो विभिन्न क्षेत्रों से आया आम फरियादियों का हुजूम भी कार्यक्रम स्थल पर उमड़ने लगा। आमजन अपनी समस्याएं उठाने लगा, तो प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने उन्हें रोकते हुए अपनी समस्या तीन बजे के बाद जनसुनवाई में उठाने की नसीहत दी। इस पर बुजुर्ग फरियादी सुमन शादाबादी नाराज हो गए।
उन्होंने अफसरों पर जन शिकायतों को तवज्जो न देने का आरोप लगाते हुए रोष जताना शुरू किया, तो उन्हें रोकने आगे आए कुछ कांग्रेस कार्यकर्ताओं से उनकी धक्कामुक्की हो गई। मुख्यमंत्री ने हस्तक्षेप कर इन कार्यकर्ताओं को फटकार लगाते हुए उन्हें निलंबित करने की चेतावनी दी। अव्यवस्थाएं यहीं नहीं थमीं। फरियादियों व कांग्रेस कार्यकर्ताओं की भीड़ लगातार आगे बढ़ते हुए मंच के पास तक पहुंच गई। भीड़ को नियंत्रित करने में पुलिस व पार्टी पदाधिकारियों के पसीने छूट गए। ऐसे में मुख्यमंत्री को कार्यकर्ता भेंटवार्ता का कार्यक्रम जल्द समेटना पड़ा।
इसके बाद जनसुनवाई शुरू होते ही एक महिला ने हॉल में हंगामा शुरू कर दिया। अपनी मां व बेटी के साथ पहुंची महिला ने शासन के एक वरिष्ठ अफसर और एक मजिस्ट्रेट पर रात को उसके घर में घुसकर धमकाने व घर खाली करने के लिए दबाव बनाने का आरोप लगाया। मुख्यमंत्री के निर्देश पर महिला पुलिसकर्मी उक्त महिला को धकेलकर हॉल से बाहर ले गए। इस वाकिए से तमतमाए मुख्यमंत्री ने मीडिया कर्मियों तक को भी बाहर का रास्ता दिखा दिया। घंटों अव्यवस्था व हंगामे के बाद किसी तरह जनसुनवाई शुरू हुई, तो लोगों ने भी उनके प्रकरणों पर तंत्र की उदासीनता पर तीखा रोष प्रकट कि बया।