राज्य भेजे सही प्रस्ताव, मिलेगी पूरी मदद
राज्य ब्यूरो, देहरादून: केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा पुनरुद्धार मंत्री उमा भारती ने स्पष्ट
राज्य ब्यूरो, देहरादून: केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा पुनरुद्धार मंत्री उमा भारती ने स्पष्ट किया है कि राज्य की ओर से संशोधित प्रस्ताव न भेजे जाने के कारण ही अभी तक नमामि गंगे के तहत उत्तराखंड को धन अवमुक्त नहीं हो पाया है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में मुख्यमंत्री के साथ हुई वार्ता में सारी स्थिति स्पष्ट कर दी गई है। केंद्र से अब एक साथ 400-500 करोड़ रुपये जारी हो सकेंगे। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कुंभ के नाम पर अलग से कोई धन आवंटित नहीं किया जाता। राज्य सरकार इस संबंध में जो प्रस्ताव भेजेगी, उस पर वह स्वयं केंद्र में उसकी पैरवी करेगी।
मुख्यमंत्री हरीश रावत ने गुरुवार को नमामि गंगे योजना की समीक्षा बैठक में केंद्र की ओर से एक भी पाई न मिलने का जिक्र किया था। शुक्रवार को सहस्रधारा हेलीपैड पर पत्रकारों से बातचीत के दौरान केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने मुख्यमंत्री द्वारा उठाए गए सभी सवालों पर स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने कहा कि नमामि गंगे योजना में राज्य सरकार को अपनी प्रोजेक्ट रिपोर्ट में केवल एक लाइन और बढ़ानी है। राज्य सरकार को यह लिखकर देना है कि इसके तहत बनने वाले एसटीपी से निकले शोधित जल को गंगा में नहीं डाला जाएगा। इसका प्रयोग कृषि, बागवानी व खेती आदि के कार्यो में किया जाएगा। जैसे ही प्रदेश की ओर से यह संशोधित रिपोर्ट मिलेगी, तुरंत ही पहली किश्त के रूप में 70 करोड़ रुपये जारी कर दिए जाएंगे। उन्होंने कहा केंद्र व राज्य सरकार के साथ बैठकर वार्ता करने से ही समस्याओं का समाधान हो सकता है। महज फाइल चलाने से समस्याओं का समाधान नहीं होता। उन्होंने कहा कि ऐसे ही ऋषिकेश के लिए जारी होने वाले 100 करोड़ रुपये की एक योजना वन विभाग से स्वीकृति न मिलने के कारण लंबित है। गत रोज मुख्यमंत्री हरीश रावत के साथ कई मुद्दो पर चर्चा हुई है, इससे स्थिति स्पष्ट हो गई है, अब जल्द ही राज्य के लिए 400-500 करोड़ रुपये जारी होने की संभावना है।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कुंभ या अर्द्धकुंभ मेले के नाम पर अलग से कोई धन आवंटित नहीं होता। सरकार कुंभ के सफल आयोजन को लेकर सरकार की ओर से बनाई गई योजनाओं के सापेक्ष इनकी स्वीकृति की जाती है। सरकार अपना प्रोजेक्ट जमा करा दे, वह स्वयं सरकार के वकील के रूप में केंद्र से इनकी पैरवी करेंगी।
राफ्टिंग कैंप के लिए नहीं लगेगी एसटीपी
केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने राफ्टिंग कैंपों से होने वाली गंदगी पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा है कि उन्होंने अपने विभाग को स्पष्ट कर दिया है कि गंगा किनारे लगने वाले राफ्टिंग कैंपों के लिए केंद्र कोई एसटीपी नहीं बनाएगी। ये कैंप यहां काफी गंदगी करते हैं। इसका पानी रिसाव होकर गंगा में मिल जाता है। इसके लिए कैंप वालों को स्वयं ही बायो टायलेट लगाने होंगे। उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि इसकी गंदगी गंगा में न जाए।
मास्टर चैनल बनाने की योजना
केंद्रीय मंत्री उमाभारती ने कहा कि सारे नालों के लिए मास्टर चैनल बनाया जाएगा। इसकी निकासी नदी में न होकर बाहर होगी, ताकि यह पानी सिंचाई आदि के कार्य में इस्तेमाल हो सके। इसका प्रस्ताव राज्य सरकार को बनाकर भेजना है।
सरकारी व्यवस्था से ज्यादा गंदगी
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि गंगा में गंदगी लोगों के कारण कम, सरकारी व्यवस्था के कारण ज्यादा हुई है। केंद्र सरकार इसी व्यवस्था को दुरुस्त करने का कार्य कर रही है। वह स्वयं अक्टूबर माह से सप्ताह में दो दिन गंगा किनारे पदयात्रा शुरू करेंगी। उम्मीद है कि तीन सालों में गंगा सागर तक पहुंच जाएंगी।
हाइड्रो प्रोजेक्ट की विरोधी नहीं
केंद्रीय मंत्री ने स्पष्ट किया कि वे हाइड्रो प्रोजेक्ट की विरोधी नहीं हैं। वे केवल यह चाहती हैं कि नदी कि अविरलता बनी रहे। इसके लिए बांध के डिजाइन में ही इकालोजिकल फ्लो को सुनिश्चित करना होगा, ताकि बांध भी बन जाए और पावर जेनरेशन भी हो सके।
ऋषिकेश से ऊपर जिलों को नेटवर्क
उमा भारती ने कहा कि इस योजना के तहत केंद्र पूरे शहरों में सीवरेज का नेटवर्क नहीं बनाएगा। केवल उत्तराखंड के पांच-छह शहरों में नेटवर्क बनाया जाएगा। इनमें गंगोत्री, बदरीनाथ, कर्णप्रयाग व रुद्रप्रयाग आदि शहर शामिल किए जाएंगे।
12 शहरों में विद्युत शवदाह गृह
उमा भारती ने कहा है कि नमामि गंगे के तहत देश के 12 शहरों का चयन किया गया है। यहां विद्युत शवदाह गृह बनाए जाएंगे। इसमें हरिद्वार व ऋषिकेश को भी शामिल किया गया है। कोशिश यह की जाएगी कि यह काम ऐसी कंपनी को दिया जाए, जो बीच में यह काम छोड़कर न भागे।
नमामि गंगे से जुड़ेगी चारधाम यात्रा
केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने कहा कि अब चारधाम यात्रा को भी नमामि गंगे में जोड़ा जाएगा। इसके तहत पेड़ लगाए जाएंगे। पेड़ लगाना स्वच्छता का कारण बनेगा।