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पार्किंग सुविधाओं के विस्तार की उम्मीद

राज्य ब्यूरो, देहरादून: प्रदेश में भवन निर्माण के संशोधित बायलॉज के प्रावधान यदि सख्ती से लागू हुए,

By Edited By: Published: Tue, 30 Jun 2015 12:57 AM (IST)Updated: Tue, 30 Jun 2015 12:57 AM (IST)

राज्य ब्यूरो, देहरादून: प्रदेश में भवन निर्माण के संशोधित बायलॉज के प्रावधान यदि सख्ती से लागू हुए, तो शहरी इलाकों में पार्किंग व साफ-सफाई की सुविधाओं का तेजी से विस्तार हो सकेगा। सरकार ने भवन निर्माण के बायलॉज में संशोधन के जरिए शहरी क्षेत्रों में पार्किंग सुविधाओं के विस्तार का रास्ता खोल दिया है। साथ ही, नगरीय इलाकों में साफसफाई के मद्देनजर सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए कई सख्त प्रावधान भी शामिल किए हैं, ताकि प्रदेश के शहरों की सूरत कुछ बेहतर हो सके।

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पर्यटन व तीर्थाटन के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण उत्तराखंड में पार्किंग सुविधाओं का भारी अभाव लंबे समय से ही महसूस किया जा रहा है। खासतौर पर नैनीताल, मसूरी, हरिद्वार, ऋषिकेश जैसे शहरों में पार्किंग सुविधाओं की कमी की वजह से अक्सर ट्रैफिक जाम जैसी स्थिति पैदा हो जाती है। पर्यटन विभाग के स्तर पर अलग से पार्किंग स्थलों के निर्माण की योजनाएं तैयार की जाती हैं, मगर शहरी इलाकों में इस सुविधा के विस्तार के मद्देनजर आवास विभाग ने भी बिल्डिंग बायलॉज में विशेष प्रावधान किए हैं।

बहुमंजिला पार्किंग स्थलों में व्यवसायिक उपयोग के लिए 20 फीसद का मानक लंबे समय से चला आ रहा था, जिसे संशोधित बायलॉज में अब बढ़ाकर 25 फीसद किया गया है। मल्टीलेवल पार्किंग की योजनाओं को व्यवसायिक दृष्टि से व्यवहारिक बनाने के लिए यह फैसला किया गया है। इसके अलावा आवासीय योजनाओं में अब तक स्टिल्ट (भूतल पार्किंग) को भवनों की ऊंचाई व एफएआर गणना में शामिल किया जाता था, मगर नए बायलॉज में स्टिल्ट को भवन की ऊंचाई व एफएआर गणना से मुक्त रखा गया है।

जाहिर है इससे पार्किंग सुविधा के विस्तार को गति मिलेगी। ठोस अपशिष्ट निस्तारण के लिए भी नए बायलॉज में प्रावधान किए गए हैं। मसलन एकल आवासीय व फुटकर दुकानों को छोड़ शेष सभी प्रकार की भवन निर्माण की परियोजनाओं में ठोस अपशिष्ट निस्तारण की ठोस व्यवस्था करनी जरूरी हो जाएगी। इसे स्थानीय नगर निकाय सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट रूल 2000 के प्रावधान द्वारा निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार मानचित्र में भी अनिवार्य रूप से प्रदर्शित करना होगा।

एकल आवासीय, 1000 वर्गमीटर व इससे अधिक क्षेत्रफल में गैर आवासीय भवनों, परिसरों में जलमल निस्तारण के लिए मानचित्र स्वीकृति से पूर्व संबंधित अफसर को मानकों पर अमल भी सुनिश्चित कराना होगा।

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'शहरी इलाकों में पार्किंग व साफसफाई की सामुदायिक सेवाओं का अभाव बढ़ता जा रहा है। इसके निदान के लिए संशोधित बिल्डिंग बायलॉज में विशेष प्रावधान किए गए हैं, ताकि पार्किंग स्थलों के विकास के साथ सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट की सुविधाएं भी विकसित हो पाएं।'

-डीएस गब्र्याल, सचिव, आवास

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