तीर्थो को व्यसनों से मुक्ति मिलना जरूरी
जागरण संवाददाता, ऋषिकेश: परमार्थ निकेतन स्वर्गाश्रम में श्रीराम कथा के तीसरे दिन प्रसिद्ध संत व राम
जागरण संवाददाता, ऋषिकेश: परमार्थ निकेतन स्वर्गाश्रम में श्रीराम कथा के तीसरे दिन प्रसिद्ध संत व राम कथा मर्मज्ञ मोरारी बापू ने कहा कि बुरी आदतों को सुधारना ही भजन है। मद्यपान और धूम्रपान जैसी बुरी आदतों को जीवन से निकाल दें तो जीवन में स्वयं सुधार आ जाता है। उन्होंने कहा कि हमारे तीर्थो को भी मद्य जैसे व्यसनों से मुक्ति मिलनी जरूरी है।
मोरारी बापू ने कहा कि जीवन में संशय को कोई स्थान नहीं दिया जाना चाहिए। हमेशा सद्पुरुषों के आगे अपनी बात रखनी चाहिए। जिसने कथामृत का पीया हो उसे अन्य सब व्यसन त्याग देने चाहिए। उन्होंने कहा कि गाय का दूध पीने का यदि हम निर्णय लें तो गाय पालना स्वयं आ जाएगा। गाय के गोबर में लक्ष्मी का वास है। गोबर की खाद का प्रयोग फसल के रूप में साक्षात लक्ष्मी के रूप में सामने आता है। मोरारी बापू ने कहा कि राम कथा ससि किरन समाना संत चकोर करहि जेहि पाना। राम कथा चंद्रकिरन है। चंद्रमा सबको उपलब्ध नहीं होता मगर किरन हर जगह मिल जाती है। उन्होंने कहा कि चंद्र पर राहु का ग्रहण लगता है मगर कथा को कोई ग्रसित नहीं कर सकता। हमारे अंदर मोह को राम कथा ही मार सकती है। कथा मर्मज्ञ मोरारी बापू ने कहा कि कभी भी ब्रह्म की परीक्षा नहीं लेनी चाहिए बल्कि उसकी प्रतीक्षा करनी चाहिए। जीवन में शरणागति सद्गुरु के लिए सर्वोच्च स्थान रखना चाहिए। संकीर्णता और स्वार्थ भक्ति के मार्ग में बाधा पैदा करते हैं।
इस दौरान परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती मुनि महाराज ने स्वच्छ हवा व निर्मल जल की उपयोगिता व इनके संरक्षण की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि संत मोरारी बापू उत्तराखंड ही नहीं बल्कि समूचे देश के लिए कल्याणकारी हैं। वह अपनी कथाओं के माध्यम से हरित कथाओं, हरित त्यौहारों और हरित संस्कारों को बढ़ावा दे रहे हैं। इस मौके पर श्रीमद्भागवत के कथा व्यास रमेश भाई ओझा, वृंदावन मलूक पीठाधीश्वर स्वामी राजेंद्र दास, संत राघव बाबा, स्वामी ज्योतिर्मयानंद सरस्वती, साध्वी भगवती सरस्वती, लक्ष्मी सरस्वती, प्रो. रचना विमल, उद्योगपति सूर्यकांत जालान आदि उपस्थित थे।