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कर्णप्रयाग रेल लाइन को कवायद तेज

राज्य ब्यूरो, देहरादून: ऋषिकेश व कर्णप्रयाग के बीच 120 किलोमीटर लंबी नई ब्राडगेज रेल लाइन निर्माण के

By Edited By: Published: Fri, 29 May 2015 01:44 AM (IST)Updated: Fri, 29 May 2015 01:44 AM (IST)

राज्य ब्यूरो, देहरादून: ऋषिकेश व कर्णप्रयाग के बीच 120 किलोमीटर लंबी नई ब्राडगेज रेल लाइन निर्माण के लिए वन भूमि हस्तांतरण की कसरत तेज हो गई है। चारधाम यात्रा समेत सामरिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण इस रेल लाइन के लिए कुल 315.49 हेक्टेयर वनभूमि व 401 हेक्टेयर राजस्व भूमि की जरूरत है। दो चरणों में होने वाले वनभूमि हस्तांतरण के तहत प्रथम चरण का प्रस्ताव जून और द्वितीय चरण का प्रस्ताव जुलाई तक भेजे जाने की उम्मीद है। इस बाबत 16 जून को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बैठक बुलाई गई है।

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उत्तराखंड के पर्वतीय इलाकों में भी रेल सेवाओं के विस्तार की दिशा में ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक प्रस्तावित करीब 120 किलोमीटर लंबी रेल लाइन को उम्मीद भरी निगाहों से देखा जा रहा है। इस ब्राडगेज रेल लाइन का सर्वे पूरा हो गया है, जिसके मुताबिक रेल लाइन के निर्माण में लगभग 315.493 हेक्टेयर वनभूमि की जरूरत है। इसमें से 189.025 हेक्टेयर भूमि आरक्षित वन क्षेत्र में पड़ती है, जबकि शेष 126.46 हेक्टेयर सिविल सोयम वन भूमि है। उक्त रेल लाइन निर्माण की परियोजना का काम रेल विकास निगम को सौंपा गया है।

प्रस्तावित रेल लाइन का करीब 75 फीसद हिस्से (करीब 300 हेक्टेयर) में सुरंग का निर्माण किया जाएगा। करीब 6500 करोड़ की लागत से बनने वाली इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए रेल विकास निगम व राज्य सरकार वनभूमि हस्तांतरण की बाधा को जल्द से जल्द दूर करने की तैयारी में जुटे हैं। सूत्रों के मुताबिक भूमि हस्तांतरण का प्रथम चरण का प्रस्ताव लगभग तैयार है, जिसे जून के अंतिम सप्ताह तक केंद्र को मंजूरी के लिए भेज दिया जाएगा। साथ ही, जुलाई तक द्वितीय चरण का प्रस्ताव भी केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय को भेजे जाने की उम्मीद है।

इनसेट..

स्थलवार वनभूमि की जरूरत..

स्थल प्रस्तावित भूमि

ऋषिकेश 63.422 हेक्टेयर

पौड़ी 33.269 हेक्टेयर

रुद्रप्रयाग 33.269 हेक्टेयर

धनपुर व नागनाथ 35.748 हेक्टेयर

शिवपुरी व मणिकनाथ 149.785 हेक्टेयर

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कुल भूमि 315.493 हेक्टेयर

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