विकलांगता प्रमाणपत्र अब सीएमओ का भी मान्य
राज्य ब्यूरो, देहरादून राज्य सरकार ने तबादलों में विकलांग शिक्षकों और विकलांग बच्चों के अभिभावक शि
राज्य ब्यूरो, देहरादून
राज्य सरकार ने तबादलों में विकलांग शिक्षकों और विकलांग बच्चों के अभिभावक शिक्षकों को राहत दी है। उनके लिए अब राज्य चिकित्सा परिषद से ही विकलांगता प्रमाणपत्र लेने की अनिवार्यता खत्म करने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए शिक्षकों की तबादला नीति में संशोधन प्रस्तावित किया गया है।
शिक्षकों की प्रथम नियुक्ति, पदोन्नति और तबादला नीति में कुछ अरसा पहले ही संशोधन किया गया था। इस संशोधित तबादला नीति में अब एक और संशोधन प्रस्तावित किया गया है। विकलांगता प्रमाणपत्र पर शिक्षकों को राहत देने के लिए यह कदम उठाया गया है। दरअसल, शिक्षकों को विकलांगता प्रमाणपत्र राज्य चिकित्सा परिषद से बनाने में दिक्कतें पेश आ रही थीं। इस बाबत महकमे ने भी स्वास्थ्य महकमे से संपर्क साधा था। स्वास्थ्य महानिदेशक ने महकमे को जानकारी दी कि विकलांगता प्रमाणपत्र राज्य चिकित्सा परिषद से नहीं बनाए जा रहे। इन्हें जिला स्तर पर सीएमओ की समिति जारी करती है। स्वास्थ्य महकमे की इस व्यवस्था के मद्देनजर शिक्षा महकमे को भी तबादला नियमावली में संशोधन की जरूरत पड़ी। शिक्षा सचिव डा एमसी जोशी ने इसकी पुष्टि की। उन्होंने कहा कि अब जिले में मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) का प्रमाणपत्र भी मान्य होगा। शिक्षकों की संशोधित तबादला नीति में यह प्रावधान शामिल किया गया है। इससे विकलांग शिक्षकों के साथ ही विकलांग बच्चों के माता-पिता शिक्षकों को भी राहत रहेगी। उन्हें अब राज्य चिकित्सा परिषद से विकलांगता प्रमाणपत्र नहीं लाना होगा।