कैबिनेट में जाएगा संविदा डिग्री शिक्षकों का मसला
राज्य ब्यूरो, देहरादून राजकीय डिग्री कालेजों में कार्यरत संविदा प्रवक्ताओं के स्थाईकरण की सरकार की
राज्य ब्यूरो, देहरादून
राजकीय डिग्री कालेजों में कार्यरत संविदा प्रवक्ताओं के स्थाईकरण की सरकार की कोशिशों पर न्याय महकमे ने पेच फंसा दिया है। मसले के समाधान को मुख्य सचिव एन रविशंकर की अध्यक्षता में हुई बैठक में भी ठोस नतीजा नहीं निकल पाया। मंत्रिमंडल संविदा प्रवक्ताओं के नियमितीकरण पर पहले सहमति जता चुकी है, एक बार फिर इस मामले को मंत्रिमंडल के सामने रखने की तैयारी है।
सरकारी डिग्री कालेजों में संविदा पर कार्यरत शिक्षकों के नियमितीकरण का मसला न्याय के परामर्श के बाद सुलझने के बजाए और उलझता नजर आ रहा है। न्याय ने अस्थायी कर्मचारियों की लगातार पांच साल की सेवा के बाद नियमितीकरण को कार्मिक की नियमावली पर भी सवाल खड़े किए हैं। यह दीगर बात है कि इस नियमावली के आधार पर कुछ महकमे अपने अस्थाई कार्मिकों को नियमित करने की कार्यवाही कर चुके हैं। इस मामले में मुख्य सचिव एन रविशंकर की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय बैठक में भी न्याय महकमे के स्तर पर उठी शंकाओं का समाधान ढूंढा नहीं जा सका। दरअसल, मंत्रिमंडल तकरीबन डेढ़ वर्ष पहले संविदा पर कार्यरत डिग्री शिक्षकों के नियमितीकरण पर हामी जता चुका है। संविदा शिक्षकों के पदों पर भर्ती नहीं करने का फैसला भी मंत्रिमंडल ने किया था।
डिग्री शिक्षकों के नियमितीकरण की कार्यवाही में जुटी राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेश के क्रम में इस बाबत न्याय महकमे से परामर्श मांगा था। इस पर महकमे ने कार्मिक की नियमावली के साथ ही उच्च शिक्षा महकमे की प्रक्रिया को उचित नहीं माना है। बैठक में मुख्य सचिव एन रविशंकर की ओर से मसले का जल्द समाधान ढूंढने के निर्देश दिए गए हैं। उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक इस मामले को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में बैठक में रखा जा सकता है। साथ ही एक बार फिर इस मामले को मंत्रिमंडल के सामने रखने की तैयारी भी की जा रही है। गौरतलब है कि तकरीबन 230 संविदा डिग्री शिक्षक नियमितीकरण का इंतजार कर रहे हैं। नियमितीकरण के पात्र शिक्षकों की स्क्रूटनी की प्रक्रिया उच्च शिक्षा निदेशालय पूरी कर चुका है।